ईरान के परमाणु स्थलों पर इजराइली हमले का समर्थन नहीं करूंगा: जो बाइडन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा है कि वह ईरान के परमाणु स्थलों पर इजराइल द्वारा संभावित हमले का समर्थन नहीं करेंगे। इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई चर्चाएँ जन्म दी हैं और यह ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है।
बाइडन का बयान:
बाइडन ने यह बयान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया, जहाँ उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अपने प्रशासन की नीति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, “हम इजराइल के साथ खड़े हैं, लेकिन किसी भी सैन्य कार्रवाई में शामिल नहीं होंगे जो क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल सकती है।”
पृष्ठभूमि:
- ईरान का परमाणु कार्यक्रम: ईरान का परमाणु कार्यक्रम लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय रहा है। कई देशों का आरोप है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश कर रहा है, जबकि ईरान इसका खंडन करता है और इसे शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बताता है।
- इजराइल की चिंताएँ: इजराइल ने बार-बार कहा है कि यदि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखता है, तो यह इजराइल के लिए एक बड़ा खतरा बन जाएगा। इस संदर्भ में, इजराइल ने संभावित सैन्य कार्रवाई की संभावना पर चर्चा की है।
बाइडन प्रशासन की नीति
बाइडन प्रशासन ने ईरान के साथ बातचीत के माध्यम से परमाणु समझौते की बहाली की कोशिश की है। उन्होंने ईरान पर अधिकतम दबाव डालने के बजाय बातचीत के माध्यम से स्थायी समाधान खोजने पर जोर दिया है। बाइडन ने यह भी कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर निगरानी रखना जरूरी है और सभी पक्षों को एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
बाइडन के इस बयान के बाद, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कुछ विशेषज्ञों ने इसे एक सकारात्मक कदम बताया है, जो क्षेत्र में युद्ध को टालने में मदद कर सकता है। वहीं, कुछ लोग इसे ईरान को और अधिक आत्मविश्वास देने वाला मानते हैं, जिससे वे अपनी गतिविधियों को और बढ़ा सकते हैं।