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दिल्ली में प्रदूषण के कारण वर्क फ्रॉम होम


दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने 20 नवंबर 2024 को अपने कार्यालयों में 50% कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम (WFH) की नीति लागू करने का निर्णय लिया। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि आवश्यक सेवाओं से जुड़े विभागों को इस नीति से छूट दी गई है।

प्रमुख बिंदु:

  • सरकारी कार्यालयों में WFH: दिल्ली सरकार के कार्यालय अब 50% कर्मचारियों के साथ संचालित होंगे, जबकि शेष 50% कर्मचारी घर से कार्य करेंगे।
  • निजी क्षेत्र के लिए सलाह: निजी संस्थानों को भी सलाह दी गई है कि वे अपने कर्मचारियों के लिए 50% वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था करें और कार्यालय के समय में परिवर्तन पर विचार करें, जैसे कि कार्यालय का समय सुबह 10:30 बजे या 11:00 बजे करना, ताकि यातायात के दबाव को कम किया जा सके।
  • शटल बस सेवा की सिफारिश: बड़ी निजी कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए शटल बस सेवाएं प्रदान करने की सलाह दी गई है, जिससे निजी वाहनों की संख्या कम हो और प्रदूषण में कमी आए।

प्रदूषण की वर्तमान स्थिति:

दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है, जिससे जनस्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-4 के तहत कई कदम उठाए हैं, जिनमें निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध, ट्रकों की एंट्री पर रोक, और अन्य सख्त उपाय शामिल हैं।

सरकार के अन्य प्रयास:

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए एंटी-डस्ट अभियान, बायो-डीकंपोजर का छिड़काव, पौधारोपण अभियान, और जागरूकता अभियानों जैसे कई कदम उठाए हैं। सड़कों पर 200 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन से पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है।

आगे की योजना:

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पड़ोसी राज्यों से भी प्रदूषण नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाने की अपील की है, ताकि पूरे एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके।