यमुनानगर में पराली जलाने के 21 मामले आए सामने I
पूरे देश में वातावरण दूषित हो रहा है। मुख्य कारण पराली जलाया जाना बताया जा रहा है। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब हरियाणा दिल्ली सरकारों को पराली जलने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश भी दिए हैं। अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। इसी बीच हरियाणा के यमुनानगर में सेटेलाइट से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 21 मामले सामने आए हैं। जिसमें एक मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है, जबकि 11 मामलों में जुर्माना किया गया है । Vo यमुनानगर के कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर आदित्य डबास ने बताया कि उन्हें सेटेलाइट से जो रिपोर्ट प्राप्त हुई है उसमें 21 लोकेशन बताई गई हैं,
जिसमें से 6 ऐसी लोकेशन हैं जहां आगजनी नहीं पाई गई । वहीं एक जगह पर हादसा हुआ है और एक मामला अंबाला जिला से संबंधित है । जबकि बाकी 11 मामलों में किसानों पर फाइन किए गए हैं। वहीं एक मामले में किसान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है ।उन्होंने बताया कि इसी अवधि में पिछले साल 35 मामले सामने आए थे ।इस तरह से लगभग 70% आग लगाने की घटनाओं में कमी पाई गई है।
बाइट डॉक्टर आदित्य डबास अप कृषि निदेशक Vo वहीं डॉक्टर आदित्य डबास ने बताया कि पराली जलाने से रोकथाम के लिए किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है ।हरियाणा के जो ऐसे जिले जहां सर्वाधिक धान की खेती होती है उनमें यमुनानगर शामिल है। और यहां सबसे कम ऐसे मामले पाए गए हैं। वाइट डॉक्टर आदित्य डबास अप कृषि निदेशक Lvo डॉ आदित्य डबास ने कहा कि यमुनानगर जिला में अभी तक 50% धान की कटाई हो चुकी है और अगले 10 दिनों में 90% धान की कटाई हो जाएगी। प्रशासन की सख्ती किसानों में जागरूकता ,प्रति एकड़ 1000 सरकार द्वारा दिए जाने सहित अन्य कारणों से आग जलाने की घटनाओं में कमी आई है। इसके लिए किसानों को और ज्यादा जागरूक किया जा रहा है।
इसके अलावा पुलिस प्रशासन, प्रशासनिक अधिकारियों की टीम बनाकर ड्यूटी लगाई गई हैं वह भी लगातार इस पर नजर रखे हुए हैं।