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हिमाचल – चंडीमंदिर से बद्दी तक 31 किलोमीटर तक रेल लाइन का निर्माण कार्य जारी


इस महत्वाकांक्षी परियोजना में करीब 11 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटिड ट्रैक होगा। यह ट्रैक मुंबई की प्रसिद्ध कंपनी कलपतरु प्रोजेक्ट इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा बनाया जा रहा है।

हिमाचल में औद्योगिक कारोबार के लिए बेहद जरूरी रेल परियोजना का काम अब चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहा है। आगामी दो वर्षाें में यह रेल परियोजना लगभग बनकर तैयार हो जाएगी, जिससे हिमाचल प्रदेश के हजारों उद्यमियों को देश व दुनियाभर में आयात व निर्यात के कार्याें में बड़ी राहत मिलेगी।

निर्माण में तीन बड़ी कंपनियां जुटी हैं

चंडी मंदिर से बद्दी के लिए निर्माणाधीन 31 किलोमीटर रेलवे लाइन पर इस समय देश की बड़ी बड़ी तीन कंपनियों काम कर रही हैं।

इस रेल परियोजना में सबसे आकर्षक हिस्सा पिंजौर के नजदीक कालकाजी मंदिर से आगे करीब 11 किलोमीटर का हिस्सा रहने वाला है।

इस बीच करीब अलग अलग तीन हिस्सों में 11 किलोमीटर तक एलिवेटिड ट्रैक तैयार किया जाएगा। इस तरह के ट्रैक अक्सर मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए बनाए जाते हैं।

मंदिर से बद्दी रेल परियोजना इस हिस्से के चलते आकर्षण का केंद्र भी होगा। इस तरह का ट्रैक फिलहाल अभी चंडीगढ़ व आसपास के क्षेत्रों में नहीं है।

मुंबई की कलपतरु कंपनी ने इस एलिवेटिड ब्रिज बनाने के कार्य को शुरू कर दिया है और सारी मशीनरी भी इस समय ग्राउंड जीरो पर पहुंचा दी गई है।

कलपतरु प्रोजेक्ट इंटरनेशनल लिमिटेड कंपनी मुंबई की है। यह कंपनी यहां रेल ओवर ब्रिज और एलिवेटिड ट्रैक बना रही है। इसके अलावा अन्य कंपनियों भी यहां काम संभाल रही हैं जो अलग अलग पार्ट पर सिविल वर्क में जुटी हुई हैं।

कलपतरु कंपनी अपने एलिवेटिड ब्रिज के लिए पूरे विश्व भर में विख्यात है और कई देशों में एयरपोर्ट, मेट्रो रेल व अन्य तरह की परियोजनाओं में इस तरह के काम कर चुकी है।

चंडी मंदिर से चलेंगी ट्रेनें

बता दें कि उत्तर रेलवे द्वारा बददी नालागढ़ को रेल नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। यह रेल लाइन चंडी मंदिर से धमाला, लोहगढ़ खेड़ा टांडा, जोलूवाल, कोना, मंडावाला से होते हुए बद्दी के शीतलपुर पहुंचेगी। रेल ट्रैक को 100 से 120 गति सीमा के लिहाज से तैयार किया जा रहा है।

रेल परियोजना अंबाला मंडल के कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि इस रेल परियोजना का कार्य जून 2026 तक पूरा करना निर्धारित किया गया है।

कुछ कंपनियों को बाद में टेंडर किए गए हैं। उनके कार्य के पूरे होने की तिथियां कुछ अलग हैं। इस समय कुल 31 किलोमीटर हिस्से पर काम चल रहा है।

रेल परियोजना के रेल ओवर ब्रिज, एलिवेटिड ब्रिज, पटरी के लिए सिविल वर्क सहित फ्लाई ओवर तैयार किए जा रहे हैं। एलिवेटिड ब्रिज बनाने का मकसद यही है कि अधिक से अधिक ग्रीन फिल्ड को बचाया जा सके। इसके साथ ही कुछ रोड़ क्रासिंग को भी इसमें कवर किया जा रहा है ताकि सड़कों को बिना छेड़े ही रेल आगे बढ़ सके।