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अडानी समूह पर आरोप


हाल ही में अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिनमें भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने और अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने के आरोप शामिल हैं।

आरोपों का सारांश:

  • रिश्वतखोरी के आरोप: अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि अडानी समूह ने 2020 से 2024 के बीच सौर ऊर्जा अनुबंध प्राप्त करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 2,029 करोड़ रुपये (265 मिलियन डॉलर) की रिश्वत दी। यह रिश्वत कथित रूप से आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों को दी गई।
  • अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करना: अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड पर आरोप है कि उसने अमेरिकी निवेशकों से 750 मिलियन डॉलर जुटाते समय रिश्वतखोरी की जानकारी छुपाई। अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने इस संबंध में सिविल शिकायत दर्ज की है।

अदालत की कार्रवाई:

न्यूयॉर्क की एक अदालत ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह वारंट 31 अक्टूबर 2024 को जारी किया गया था। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा, बल्कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि आरोपी स्वेच्छा से अदालत में पेश हों।

अडानी समूह की प्रतिक्रिया:

अडानी समूह ने इन आरोपों को “आधारहीन” बताते हुए खारिज किया है। समूह ने कहा है कि वह कानूनी रूप से अपनी स्थिति स्पष्ट करेगा और सभी आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करेगा।

व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया:

व्हाइट हाउस ने कहा है कि उन्हें अडानी पर लगे आरोपों की जानकारी है। उन्होंने विश्वास जताया है कि भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों के चलते यह मामला द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित नहीं करेगा।

निष्कर्ष:

अडानी समूह पर लगे ये आरोप गंभीर हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बने हुए हैं। आगे की कानूनी प्रक्रियाओं और जांच के परिणाम इस मामले में और स्पष्टता प्रदान करेंगे।