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जम्मू-कश्मीर एग्जिट पोल में बंटी हुई तस्वीर, इंजीनियर राशिद बन सकते हैं किंगमेकर


जम्मू और कश्मीर के लिए आए एग्जिट पोल में मत विभाजन की स्थिति साफ दिखाई दे रही है। सी-वोटर के अनुमान दोनों क्षेत्रों के लिए अलग-अलग आंकड़े पेश कर रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि आगामी चुनाव में बारामूला के निर्दलीय सांसद इंजीनियर राशिद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और उनके हाथों में सत्ता की चाबी आ सकती है।

सी-वोटर के अनुमान: बंटी हुई स्थिति

एग्जिट पोल के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में प्रमुख दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। हालांकि, किसी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा, जिससे राज्य में एक त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनने के आसार हैं। सी-वोटर के आंकड़ों के अनुसार, जम्मू क्षेत्र में बीजेपी की स्थिति मजबूत है, जबकि कश्मीर घाटी में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जैसी पारंपरिक पार्टियां बढ़त बनाए हुए हैं।

इंजीनियर राशिद की भूमिका

बारामूला से निर्दलीय सांसद इंजीनियर राशिद, जो अपनी बेबाक राजनीति और क्षेत्रीय मुद्दों पर मुखर आवाज के लिए जाने जाते हैं, इस बार किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं। सी-वोटर के अनुमानों के अनुसार, राशिद का समर्थन राज्य की राजनीति में निर्णायक साबित हो सकता है। यदि किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता, तो इंजीनियर राशिद का समर्थन जिस भी पार्टी को मिलेगा, वह सत्ता में आने की संभावना रखेगी।

क्षेत्रीय दलों का बढ़ता प्रभाव

कश्मीर घाटी में क्षेत्रीय दलों का दबदबा कायम है, लेकिन राज्य में छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों की बढ़ती भूमिका भी दिख रही है। इस बार के चुनाव में छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार अहम भूमिका निभा सकते हैं, जिससे जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक नया समीकरण बन सकता है।

क्या बनेगा नया समीकरण?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में राज्य की सरकार बनाने के लिए गठबंधन की जरूरत होगी। इस स्थिति में इंजीनियर राशिद जैसी महत्वपूर्ण शख्सियत सत्ता की कुंजी बन सकती है, जो बड़े दलों के लिए समर्थन की दिशा तय करेंगे।