डायबिटीज के मामलों में वृद्धि
पिछले तीन दशकों में, विश्व स्तर पर डायबिटीज के मामलों में दोगुनी वृद्धि हुई है। 1990 में वयस्कों में डायबिटीज की दर 7% थी, जो 2022 में बढ़कर 14% हो गई है। इसका अर्थ है कि वर्तमान में लगभग 80 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं।
भारत में स्थिति:
भारत में डायबिटीज के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। 2022 में, देश में लगभग 21.2 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित थे, जो विश्व में सबसे अधिक है। 1990 से 2022 के बीच, महिलाओं में डायबिटीज की दर 11.9% से बढ़कर 24% हो गई, जबकि पुरुषों में यह 11.3% से बढ़कर 21.4% हो गई।
कारण:
- जीवनशैली में परिवर्तन: शहरीकरण, अस्वास्थ्यकर आहार, और शारीरिक गतिविधियों की कमी डायबिटीज के प्रमुख कारण हैं।
- मोटापा: मोटापे की बढ़ती दर डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा रही है।
- आनुवंशिक प्रवृत्ति: कुछ जनसंख्या समूहों में आनुवंशिक कारणों से डायबिटीज का जोखिम अधिक होता है।
चुनौतियाँ:
डायबिटीज के बढ़ते मामलों के बावजूद, उपचार की उपलब्धता में कमी है। 2022 में, 30 वर्ष और उससे अधिक आयु के वयस्कों में से 59% (लगभग 44.5 करोड़ लोग) को डायबिटीज का कोई उपचार नहीं मिला। भारत में, लगभग 14 करोड़ से अधिक लोग बिना उपचार के हैं।
निष्कर्ष:
डायबिटीज के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए जागरूकता बढ़ाना, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में सुधार आवश्यक है। सरकार और स्वास्थ्य संगठनों को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।