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दक्षिण कोरिया में राजनीतिक भूचाल: राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित


दक्षिण कोरिया में बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम

दक्षिण कोरिया की संसद ने हाल ही में राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया है। यह कदम देश की राजनीति में एक बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है। महाभियोग प्रस्ताव पास होने के बाद, देश में नए कार्यवाहक राष्ट्रपति ने पदभार संभाल लिया है, जिससे राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू हो गया है।

महाभियोग की वजह

राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ यह महाभियोग कई विवादित नीतियों और भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण लाया गया। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि यून सुक-योल की नीतियाँ जनता के हितों के खिलाफ हैं और उन्होंने प्रशासनिक निर्णयों में पारदर्शिता का पालन नहीं किया।

प्रमुख आरोप:

  1. आर्थिक नीतियों पर असंतोष: सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर जनता में असंतोष बढ़ता जा रहा था, जिससे महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे और गंभीर हुए।
  2. न्यायिक हस्तक्षेप: यून सुक-योल पर न्यायिक संस्थाओं में अनावश्यक हस्तक्षेप करने और राजनीतिक विरोधियों को दबाने के आरोप लगे।
  3. लोकप्रियता में गिरावट: जनता के बीच यून की लोकप्रियता लगातार घटती रही, जिससे विपक्षी दलों ने महाभियोग का समर्थन किया।

संसद में प्रक्रिया

दक्षिण कोरिया की संसद में महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान हुआ, जिसमें विपक्षी दलों के बहुमत के कारण यह प्रस्ताव आसानी से पारित हो गया। इसके साथ ही, राष्ट्रपति के पद पर उनके अधिकार निलंबित कर दिए गए और नए कार्यवाहक राष्ट्रपति ने तुरंत पदभार संभाला।

कार्यवाहक राष्ट्रपति की नियुक्ति

महाभियोग प्रस्ताव के पारित होते ही संविधान के अनुसार दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री या वरिष्ठ मंत्री को कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद सौंपा गया। कार्यवाहक राष्ट्रपति का मुख्य उद्देश्य है कि:

  1. सरकार के कामकाज को सुचारू रूप से चलाना।
  2. राजनीतिक स्थिरता बनाए रखना।
  3. जल्द से जल्द राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू कराना।

जनता और विपक्ष की प्रतिक्रिया

महाभियोग के फैसले को लेकर जनता और विपक्षी दलों की मिश्रित प्रतिक्रिया सामने आई है:

  • विपक्ष: विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया और कहा कि यह कदम देश के हित में उठाया गया है।
  • समर्थक: यून सुक-योल के समर्थकों ने इस फैसले का विरोध किया और इसे “राजनीतिक साजिश” करार दिया।

अंतरराष्ट्रीय नजरिया

दक्षिण कोरिया में इस राजनीतिक घटनाक्रम पर दुनिया भर के देशों की नजर है। कई देशों ने उम्मीद जताई है कि राजनीतिक अस्थिरता जल्द खत्म होगी और कोरिया की सरकार शांति और लोकतंत्र को बनाए रखेगी।

भविष्य की चुनौतियाँ

महाभियोग के बाद दक्षिण कोरिया के सामने कई चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं:

  1. नई सरकार का गठन: जल्द चुनाव कराकर स्थायी सरकार का गठन।
  2. आर्थिक सुधार: बिगड़ती अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना।
  3. जनता का विश्वास जीतना: राजनीतिक अस्थिरता के कारण जनता का विश्वास फिर से कायम करना।

निष्कर्ष

दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का पारित होना एक ऐतिहासिक घटना है। इससे देश की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना है। जनता और विपक्ष के दबाव के बीच, यह देखना अहम होगा कि कार्यवाहक राष्ट्रपति किस तरह स्थिरता बहाल करते हैं और देश को नई दिशा की ओर ले जाते हैं।