दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है, जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली का औसत AQI 362 दर्ज किया गया है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
प्रमुख प्रभावित क्षेत्र:
- आनंद विहार: AQI 433 (‘गंभीर’ श्रेणी)
- विवेक विहार: AQI 421 (‘गंभीर’ श्रेणी)
- अशोक विहार: AQI 409 (‘गंभीर’ श्रेणी)
- आरके पुरम: AQI 352 (‘बहुत खराब’ श्रेणी)
- आईटीओ: AQI 349 (‘बहुत खराब’ श्रेणी)
प्रदूषण के मुख्य कारण:
- वाहनों से उत्सर्जन: दिल्ली में वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है।
- पराली जलाना: आसपास के राज्यों में पराली जलाने से उत्पन्न धुआं दिल्ली की वायु गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है।
- निर्माण गतिविधियाँ: निर्माण कार्यों से उत्पन्न धूल भी प्रदूषण में योगदान दे रही है।
सरकारी उपाय:
- GRAP का कार्यान्वयन: ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत, निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध, वाहनों की संख्या में कमी, और औद्योगिक उत्सर्जन पर नियंत्रण जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
- स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएँ: बढ़ते प्रदूषण स्तर के कारण, स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है।
- पानी का छिड़काव: सड़कों और निर्माण स्थलों पर धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव:
‘बहुत खराब’ श्रेणी का AQI स्वस्थ व्यक्तियों में भी श्वसन संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। विशेषकर बुजुर्ग, बच्चे, और अस्थमा या हृदय रोग से पीड़ित लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
नागरिकों के लिए सुझाव:
- बाहरी गतिविधियों को सीमित करें।
- N95 मास्क का उपयोग करें।
- घर के अंदर वायु शोधक (एयर प्यूरीफायर) का उपयोग करें।
- स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
दिल्ली सरकार और संबंधित एजेंसियाँ प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। नागरिकों से अनुरोध है कि वे सरकारी निर्देशों का पालन करें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।