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पीएलआई योजना के तहत 18 राज्यों के 54 जिलों में 174 स्थानों पर व्हाइट्स गुड्स में होगा निवेश


यह दौर 15 जुलाई, 2024 से 90 दिनों के लिए खुला रहने के बाद 12 अक्टूबर 2024 को समाप्त हो गया। नए आवेदकों में से 43 प्रतिशत एमएसएमई क्षेत्र से हैं, जो एसी और एलईडी लाइट्स के घटकों के निर्माण की मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनने के प्रति एमएसएमई के बीच विश्वास को दर्शाता है।

पीएलआई योजना, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा शुरू की गई थी। आवेदकों में व्हाइट गुड्स के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईडब्ल्यूजी) के 8 मौजूदा लाभार्थी भी शामिल हैं, जिन्होंने 1,285 करोड़ रुपये का शुद्ध वृद्धिशील निवेश करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की हैं। 

30 नए आवेदकों ने भारत में एसी और एलईडी लाइट्स के विभिन्न महत्वपूर्ण घटकों के निर्माण के लिए 2,836 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है।

भारत भर में जम्मू एवं कश्मीर और ओडिशा सहित 13 राज्यों व 49 नए स्थानों में निवेश प्रस्तावित किए गए हैं। कुल मिलाकर, 18 राज्यों के 54 जिलों में 174 स्थानों पर निवेश किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश में नोएडा-ग्रेटर नोएडा, राजस्थान में नीमराना और भिवाड़ी, महाराष्ट्र में औरंगाबाद-पुणे, गुजरात के साणंद और आंध्र प्रदेश के श्री सिटी में मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर बनाए जा रहे हैं।

6 एसी मैन्यूफैक्चरर और 12 कम्पोनेंट मैन्यूफैक्चरर आंध्र प्रदेश की श्री सिटी में हैं, जिसे कूलिंग सिटी भी कहा जाता है। इस योजना में बहुराष्ट्रीय और घरेलू कंपनियों की अच्छी भागीदारी है।

15 मौजूदा कंपनियों द्वारा 2,287 करोड़ रुपये निवेश करने के अलावा पांच अतिरिक्त विदेशी कंपनियां 245 करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं।

कुल मिलाकर, इस योजना से एसी और एलईडी लाइट उद्योग के घटक निर्माण से जुड़े इकोसिस्टम  में 11,083 करोड़ रुपये का निवेश आने और लगभग 80,486 प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। इस योजना से भारत में एसी और एलईडी के घटकों का कुल उत्पादन लगभग 1,81,975 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।

पीएलआईडब्ल्यूजी योजना के दो खंडों यानी एसी और एलईडी लाइट्स के बीच विभाजन के संबंध में, 21 आवेदकों ने 3,679 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध निवेश के साथ एसी के घटकों के निर्माण के लिए आवेदन किया है और 18 आवेदकों ने 442 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध निवेश के साथ एलईडी लाइट्स के घटकों के लिए आवेदन किया है।

एसी खंड में, एसी के उच्च मूल्य वाले मध्यवर्ती यानी कॉपर ट्यूब (प्लेन/ग्रूव्ड), हीट एक्सचेंजर्स और कंप्रेसर के लिए फॉयल या फिन के लिए एल्युमीनियम स्टॉक, जो रूम एयर कंडीशनर के लिए बिल ऑफ मैटेरियल (बीओएम) का लगभग 50 प्रतिशत है, के निर्माण के लिए कई निवेश प्रस्तावित किए गए हैं।

इसके अलावा आवेदकों ने आईडीयू या ओडीयू, हीट एक्सचेंजर्स, मोटर्स और शीट मेटल कम्पोनेंट और प्लास्टिक मोल्डेड सामान आदि के लिए कंट्रोल असेंबली बनाने का प्रस्ताव दिया है।

इसी तरह भारत में एलईडी लाइट्स, एलईडी चिप पैकेजिंग, एलईडी ड्राइवर्स, हीट सिंक, एलईडी इंजन और एलईडी लाइट मैनेजमेंट सिस्टम आदि का निर्माण किया जाएगा।

ऐसे घटकों के उत्पादन के लिए आवेदन प्रस्तुत किए गए हैं जिनका निर्माण वर्तमान में भारत में पर्याप्त क्षमता के साथ नहीं किया जाता है।

कई आवेदक एसी क्षेत्र में डाइकिन, वोल्टास, ब्लू स्टार और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे बड़े निर्माताओं के विक्रेता हैं। इसी तरह, कई आवेदक सूर्या, ओरिएंट, क्रॉम्पटन ग्रीव्स, सिग्निफाई और हेलोनिक्स आदि जैसे बड़े एलईडी लाइट निर्माताओं के लिए एलईडी घटकों के आपूर्तिकर्ता हैं।