‘बांग्लादेश-पाकिस्तान के बारे में सोचते हैं, लेकिन विपक्ष के सामने…’, चिदंबरम ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने हाल ही में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे मुद्दों पर विचार करती है, लेकिन विपक्ष की चिंताओं और आवाजों को नजरअंदाज कर रही है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में कई मुद्दों पर राजनीतिक चर्चा और विवाद गहराते जा रहे हैं।
चिदंबरम का बयान:
चिदंबरम ने कहा, “सरकार को चाहिए कि वह बांग्लादेश और पाकिस्तान के मामलों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय विपक्ष की आवाज़ों को सुने। जब हम अपनी आंतरिक समस्याओं की बात करते हैं, तो सरकार उन्हें अनसुना कर देती है।” उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष की चिंताओं को दरकिनार करना एक गंभीर विषय है और यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।
सरकार पर आरोप:
चिदंबरम ने सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि वह अपनी राजनीतिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सुरक्षा और आंतरिक मामलों को लेकर अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा, “जब सरकार विपक्ष की आवाज़ को दबाती है, तब यह देश के लिए शुभ संकेत नहीं है। हमें सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए।”
राजनीतिक संदर्भ:
इस बयान के साथ ही चिदंबरम ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह देश के आंतरिक मुद्दों, जैसे कि बेरोजगारी, महंगाई, और सामाजिक असमानता पर ध्यान दे। उनका मानना है कि जब तक ये मुद्दे हल नहीं होते, तब तक बाहरी मामलों पर ध्यान केंद्रित करना उचित नहीं है।
प्रतिक्रिया:
चिदंबरम के इस बयान पर राजनीतिक विशेषज्ञों और नेताओं के बीच चर्चा हो रही है। कई नेताओं ने उनके विचारों का समर्थन किया है, जबकि कुछ ने इसे विपक्ष की राजनीति का एक हिस्सा बताया है।