बांग्लादेश में ISKCON पुजारी की गिरफ्तारी
बांग्लादेश में इस्कॉन (ISKCON) के प्रमुख नेता और चटगांव के पुंडरीक धाम के अध्यक्ष, चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी (चिन्मय प्रभु), को ढाका हवाई अड्डे पर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन पर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
चिन्मय प्रभु बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ मुखर थे। उन्होंने हाल ही में रंगपुर में एक विशाल विरोध रैली को संबोधित किया था, जिसमें हजारों हिंदू शामिल हुए थे। इस रैली में उन्होंने अंतरिम सरकार से हिंदुओं की रक्षा करने का अनुरोध किया था और देश में हिंदुओं के खिलाफ संगठित अपराधों की निंदा की थी।
उनकी गिरफ्तारी के बाद, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के सदस्यों ने विभिन्न जिलों में शांतिपूर्ण सभाएँ आयोजित कीं। हालाँकि, इन सभाओं पर चरमपंथी समूहों द्वारा हमले किए गए, जिससे कई लोग घायल हुए हैं।
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय कुल जनसंख्या का लगभग 8% है और लंबे समय से धार्मिक भेदभाव और हिंसा का सामना कर रहा है। चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी ने इस समुदाय की सुरक्षा और अधिकारों के प्रति चिंता को और बढ़ा दिया है।
इस बीच, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हिंदुओं पर हो रहे हमलों की खबरों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया है और दावा किया है कि देश में हिंदू सुरक्षित हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों से अपील की जा रही है कि वे बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएँ।