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मुंबई में ‘डिजिटल अरेस्ट’ के जरिए ठगी


मुंबई में हाल ही में ‘डिजिटल अरेस्ट’ के माध्यम से ठगी के कई मामले सामने आए हैं, जहां साइबर अपराधियों ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को धोखा दिया है। इन मामलों में अपराधियों ने पीड़ितों को फर्जी आरोपों में फंसाने की धमकी देकर उनसे बड़ी रकम ऐंठी है।

मामला 1: महिला डॉक्टर से 7 करोड़ रुपये की ठगी

मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत 57 वर्षीय महिला डॉक्टर को साइबर अपराधियों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ का शिकार बनाकर 7 करोड़ रुपये की ठगी की। अपराधियों ने उन्हें बताया कि उनके नाम पर एक सिम कार्ड और बैंक खाता मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल पाया गया है। डॉक्टर को स्काइप वीडियो कॉल के माध्यम से फर्जी गिरफ्तारी आदेश दिखाया गया और उनसे सुरक्षा जमा के रूप में बड़ी रकम मांगी गई। डर के कारण डॉक्टर ने विभिन्न खातों में 6.93 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए।

मामला 2: महिला डॉक्टर से 48 लाख रुपये की ठगी

मुंबई में एक अन्य महिला डॉक्टर को साइबर अपराधियों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के माध्यम से 48 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया। अपराधियों ने आधार कार्ड के दुरुपयोग का झांसा देकर उन्हें डराया और उनसे बड़ी रकम ऐंठी।

मामला 3: बुजुर्ग महिला से 14 लाख रुपये की ठगी

मुंबई में एक बुजुर्ग महिला को साइबर अपराधियों ने फर्जी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में फंसाने की धमकी देकर 14 लाख रुपये की ठगी की। अपराधियों ने उन्हें गिरफ्तार करने और 5 साल की सजा की धमकी दी, जिससे डरकर महिला ने उनके बताए खाते में रकम ट्रांसफर कर दी।

सावधानियां और सलाह:

  • सतर्क रहें: यदि कोई व्यक्ति खुद को सरकारी अधिकारी बताकर आपसे संपर्क करता है और पैसे की मांग करता है, तो सतर्क रहें।
  • सत्यापन करें: ऐसे किसी भी कॉल या संदेश की सत्यता की जांच करें। आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें।
  • पुलिस को सूचित करें: यदि आपको संदेह हो, तो तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर क्राइम सेल को सूचित करें।
  • व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: अज्ञात व्यक्तियों के साथ अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी साझा करने से बचें।

इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। सतर्कता और जागरूकता ही ऐसे अपराधों से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।