रतन टाटा का निधन: दुनिया ने खोया महान उद्योगपति, देशभर में शोक की लहर
भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार शाम निधन हो गया। उनके निधन की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने लगे। 86 वर्षीय रतन टाटा उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। उनके जाने से न सिर्फ टाटा समूह, बल्कि भारतीय उद्योग और समाज ने एक ऐसी शख्सियत को खो दिया है, जिसे भुला पाना नामुमकिन है।
रतन टाटा का योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था और उद्योग के लिए अमूल्य था। उन्होंने टाटा समूह को एक वैश्विक पहचान दिलाई और भारतीय उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिससे भारत की कारोबारी साख अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हुई।
देशभर में शोक
रतन टाटा के निधन की खबर सुनते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उद्योग जगत के प्रमुख नेता, और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, “रतन टाटा का निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी दूरदर्शिता, मानवीय संवेदनाएं और समाज सेवा का हर भारतीय हमेशा स्मरण करेगा।”
भारतीय उद्योग के पथप्रदर्शक
रतन टाटा न सिर्फ एक सफल उद्योगपति थे, बल्कि वे समाज सेवा और परोपकार के प्रतीक थे। उनके द्वारा स्थापित कई सामाजिक और शैक्षिक योजनाओं ने हजारों लोगों की जिंदगियां बदलीं। उन्होंने सादगी, ईमानदारी और नैतिकता के साथ व्यवसाय चलाने की मिसाल कायम की। टाटा नैनो जैसी किफायती कार को लॉन्च करने से लेकर भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास तक, उनका योगदान अतुलनीय रहा है।
एक प्रेरणादायक जीवन
रतन टाटा के जीवन से अनगिनत युवा प्रेरणा लेते हैं। उन्होंने न सिर्फ व्यावसायिक सफलता हासिल की, बल्कि अपनी मानवीय और दयालु प्रवृत्ति से लाखों दिलों में जगह बनाई। पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा की विरासत भारतीय उद्योग जगत में हमेशा जीवित रहेगी।
उनका जाना एक युग का अंत है, लेकिन उनके विचार, उनके द्वारा स्थापित मानदंड, और उनके कार्य हमेशा प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।