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लॉरेंस बिश्नोई की कहानी


लॉरेंस बिश्नोई का जन्म 12 फरवरी 1993 को पंजाब के फाजिल्का जिले के दुतारावाली गाँव में एक बिश्नोई परिवार में हुआ था। उनके पिता, लविंदर सिंह, हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल थे, जिन्होंने 1997 में नौकरी छोड़कर खेती शुरू की। लॉरेंस ने अबोहर में प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया।

कॉलेज के दौरान, लॉरेंस छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए और पंजाब विश्वविद्यालय कैंपस छात्र परिषद में शामिल हुए। वहां उनकी मुलाकात गोल्डी बराड़ से हुई, जो बाद में उनके करीबी सहयोगी बने। 2010 में, उन्होंने छात्र संघ के चुनाव में हिस्सा लिया, लेकिन हार गए। इस हार के बाद, उन्होंने विपक्षी गुटों के साथ झगड़े शुरू कर दिए, जिससे उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हुए।

लॉरेंस ने धीरे-धीरे एक आपराधिक गिरोह का गठन किया, जो पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय हो गया। उनके गिरोह पर हत्या, जबरन वसूली, हथियारों की तस्करी और अन्य गंभीर अपराधों के आरोप हैं। 2018 में, उन्होंने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को काले हिरण शिकार मामले के कारण जान से मारने की धमकी दी, जिससे वे राष्ट्रीय सुर्खियों में आए

29 मई 2022 को, पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के पीछे भी लॉरेंस बिश्नोई का नाम सामने आया। जांच में पता चला कि उनके कनाडा स्थित सहयोगी गोल्डी बराड़ ने इस हत्या की साजिश रची थी। इस घटना ने लॉरेंस के आपराधिक नेटवर्क की अंतरराष्ट्रीय पहुंच को उजागर किया।

लॉरेंस बिश्नोई वर्तमान में जेल में हैं, लेकिन उनके गिरोह की गतिविधियां जारी हैं। उनके नेटवर्क में 700 से अधिक शूटर शामिल हैं, जो देश और विदेश में सक्रिय हैं। उनकी कहानी एक साधारण छात्र से एक कुख्यात गैंगस्टर बनने की है, जिसने भारतीय कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौतियां पैदा की हैं