दिल्ली में मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ मानहानि मामले की सुनवाई
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दायर मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। यह मामला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राजीव बब्बर द्वारा दायर किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आप नेताओं ने भाजपा पर मतदाता सूची से 30 लाख मतदाताओं के नाम हटाने का आरोप लगाकर उसकी छवि को नुकसान पहुंचाया है।
मामले का पृष्ठभूमि:
दिसंबर 2018 में, आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने आरोप लगाया था कि भाजपा के निर्देश पर निर्वाचन आयोग ने ‘बनिया’ समुदाय, पूर्वांचलियों और मुस्लिम समुदाय के 30 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए थे। इन आरोपों के बाद, भाजपा नेता राजीव बब्बर ने आप नेताओं के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज की थी।
न्यायालय की कार्यवाही:
- दिल्ली उच्च न्यायालय: 2 सितंबर 2024 को, उच्च न्यायालय ने आप नेताओं की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने मानहानि के मामले को रद्द करने की मांग की थी। अदालत ने कहा था कि आरोप प्रथम दृष्टया भाजपा की छवि को प्रभावित करने वाले हैं। ThePrint Hindi
- सुप्रीम कोर्ट: 30 सितंबर 2024 को, सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी और भाजपा नेता राजीव बब्बर को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा। अदालत ने कहा कि वह इस मामले में चार सप्ताह बाद सुनवाई करेगी। Jagran
वकीलों की दलीलें:
आप नेताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि मानहानि का मामला भाजपा की दिल्ली इकाई के अधिकृत प्रतिनिधि राजीव बब्बर ने दायर किया है, न कि स्वयं भाजपा ने। उन्होंने सवाल उठाया कि जिस व्यक्ति को कथित रूप से बदनाम किया गया है, वह राजीव बब्बर नहीं हैं।
आगे की प्रक्रिया:
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए भाजपा नेता राजीव बब्बर से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। अदालत इस मामले में चार सप्ताह बाद पुनः सुनवाई करेगी।
यह घटनाक्रम दर्शाता है कि न्यायालय आप नेताओं के खिलाफ दायर मानहानि मामले में गहन विचार-विमर्श कर रहा है, और आगे की सुनवाई में इस पर विस्तृत निर्णय लिया जाएगा।