Crime

संभल हिंसा में 4 की मौत


उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को बंद कर दिया और इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया।

घटना का विवरण:

  • सर्वेक्षण का आदेश: स्थानीय अदालत के निर्देश पर 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद का प्रारंभिक सर्वेक्षण किया गया था। हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद की वर्तमान स्थल पर पहले हरिहर मंदिर था, जिसे मुगल शासक बाबर के आदेश पर ध्वस्त कर मस्जिद का निर्माण किया गया था।
  • हिंसा का प्रकोप: 24 नवंबर की सुबह, जब सर्वेक्षण टीम मस्जिद में दोबारा सर्वे के लिए पहुंची, तो वहां भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और वाहनों में आग लगाने का प्रयास किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।
  • मृतकों की पहचान: हिंसा में मारे गए चार व्यक्तियों में नईम खान, बिलाल, नोमान और एक अन्य शामिल हैं। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की गोलीबारी में इनकी मौत हुई, जबकि पुलिस का कहना है कि उन्होंने केवल रबर की गोलियां चलाईं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों को 315 बोर की देसी बंदूक की गोलियां लगीं, जो अवैध तमंचों में इस्तेमाल होती हैं।

प्रशासनिक कार्रवाई:

  • एफआईआर और गिरफ्तारियां: पुलिस ने हिंसा के संबंध में 12 एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें 8 नामजद और लगभग 2500 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामले दर्ज हैं। समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल के खिलाफ भी भड़काऊ बयान देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। अब तक 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं।
  • निषेधाज्ञा और सुरक्षा उपाय: जिलाधिकारी ने 1 दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों, सामाजिक संगठनों या जनप्रतिनिधियों के जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, और संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:

  • समाजवादी पार्टी का आरोप: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि उपचुनावों में हुए कदाचार के आरोपों से ध्यान भटकाने के लिए अशांति फैलाई जा रही है।
  • कांग्रेस की प्रतिक्रिया: कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए एक वीडियो साझा किया, जिसमें पुलिस अधिकारियों को फायरिंग करते हुए देखा जा सकता है। हालांकि, पुलिस ने फायरिंग से इनकार किया है।

वर्तमान स्थिति:

स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, लेकिन प्रशासन के कड़े कदमों से हालात नियंत्रण में हैं। पुलिस सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से उपद्रवियों की पहचान कर रही है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। जनता से शांति और सहयोग की अपील की गई है।