G7 बैठक में भारत की सक्रिय भागीदारी: वैश्विक मुद्दों पर चर्चा
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने G7 बैठक में हिस्सा लेते हुए प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान और इटली के विदेश मंत्रियों से मुलाकात कर अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों और सहयोग के तरीकों पर गहन बातचीत की।
भारत की प्राथमिकता
भारत ने इस बैठक में अपने विकासशील देशों के लिए सतत विकास और वैश्विक शांति को प्राथमिकता दी। एस. जयशंकर ने जलवायु परिवर्तन, आर्थिक सहयोग, और वैश्विक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर भारत की नीतियों और योगदान को सामने रखा।
वैश्विक मुद्दों पर चर्चा
बैठक में निम्नलिखित विषयों पर प्रमुखता से चर्चा की गई:
- जलवायु परिवर्तन: कार्बन उत्सर्जन कम करने और हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया गया।
- वैश्विक स्वास्थ्य: महामारी के बाद की दुनिया में स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती और वैक्सीन के समान वितरण पर बात की गई।
- अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा: वैश्विक शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सहयोग के नए तरीकों पर चर्चा हुई।
द्विपक्षीय वार्ता
एस. जयशंकर ने बैठक के दौरान विभिन्न देशों के विदेश मंत्रियों से द्विपक्षीय वार्ता भी की:
- अमेरिका: आर्थिक साझेदारी और तकनीकी सहयोग पर चर्चा।
- जापान: क्वाड पहल के तहत क्षेत्रीय स्थिरता पर विचार-विमर्श।
- दक्षिण कोरिया: व्यापार और रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर।
- इटली: सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर सहमति।
भारत की भूमिका
भारत ने बैठक में यह स्पष्ट किया कि वह वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में एक जिम्मेदार भागीदार है। भारतीय विदेश मंत्री ने “वैश्विक दक्षिण” की चिंताओं और मुद्दों को G7 के सामने प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।
निष्कर्ष
G7 बैठक में भारत की भागीदारी न केवल उसकी वैश्विक भूमिका को मजबूत करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भारत विश्व मंच पर अपनी आवाज को मजबूती से पेश करने में सक्षम है। इस बैठक ने भारत के अंतरराष्ट्रीय सहयोग को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रखा है।