ईरान का आरोप: सीरिया संकट के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने हाल ही में एक अहम बयान देते हुए दावा किया है कि सीरिया में चल रहे संकट के पीछे विदेशी ताकतों की साजिश काम कर रही है। उन्होंने बिना किसी देश का सीधा नाम लिए कहा कि कुछ अंतरराष्ट्रीय शक्तियां इस क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रही हैं।
ख़ामेनेई ने अपने संबोधन में कहा कि सीरिया की मौजूदा स्थिति कोई आकस्मिक घटना नहीं है, बल्कि इसे योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसे “ठोस प्रमाण” मौजूद हैं जो दर्शाते हैं कि बाहरी शक्तियां क्षेत्रीय सुरक्षा को कमजोर कर रही हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, सीरिया की स्थिति पिछले कुछ वर्षों से जटिल बनी हुई है। वहां की सरकार और विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष ने लाखों लोगों को विस्थापित कर दिया है। इसके अलावा, वैश्विक शक्तियों के हस्तक्षेप के आरोप पहले भी लगते रहे हैं, जिसने इस संकट को और गहरा किया है।
ईरान हमेशा से पश्चिमी देशों और कुछ अन्य देशों पर आरोप लगाता रहा है कि वे मध्य-पूर्व में हस्तक्षेप करके अपनी राजनीतिक और आर्थिक स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। ख़ामेनेई का यह बयान उसी रुख को दोहराता है, लेकिन इसका असर क्षेत्रीय संबंधों पर क्या पड़ेगा, यह देखना अभी बाकी है।
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मंच पर कई देशों ने इस तरह के दावों का खंडन करते हुए कहा है कि उनका मुख्य उद्देश्य केवल शांति और स्थिरता स्थापित करना है। फिर भी, विशेषज्ञ यह मानते हैं कि सीरिया संकट एक जटिल मुद्दा है, जिसमें क्षेत्रीय और वैश्विक हितों का टकराव लंबे समय से जारी है।
सीरिया में मौजूदा हालात को देखते हुए यह साफ है कि आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय राजनीति में इसके प्रभाव और गहराई से देखे जाएंगे। ईरान के इस नए बयान के बाद निश्चित रूप से इस मुद्दे पर बहस और गहराएगी।