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भूटान नरेश का भारत दौरा: द्विपक्षीय संबंधों को नई मजबूती


भारत और भूटान के रिश्तों में नई ऊँचाई

भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और उनकी पत्नी रानी जेत्सुन पेमा वांगचुक भारत के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। यह दौरा भारत और भूटान के बीच ऐतिहासिक और घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

दौरे के प्रमुख बिंदु

  1. व्यापक चर्चा और सहयोग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूटान के नरेश के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक सहयोग को लेकर गहन बातचीत हुई। भारत ने भूटान को विकास कार्यों में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
  2. आर्थिक सहयोग: भारत ने भूटान में कई विकास परियोजनाओं के लिए नई आर्थिक सहायता की घोषणा की, जिसमें हाइड्रोपावर परियोजनाएँ और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास शामिल हैं।
  3. शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र: दोनों देशों ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। भारत भूटान के छात्रों को छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से समर्थन देगा।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान

भारत और भूटान के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए इस दौरे में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। भूटान नरेश ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की सराहना की और दोनों देशों के साझा मूल्यों पर जोर दिया।

रणनीतिक और क्षेत्रीय महत्व

भूटान का भारत दौरा क्षेत्रीय रणनीति के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। भारत और भूटान दोनों ही दक्षिण एशिया में स्थिरता और शांति के समर्थक हैं। यह दौरा चीन और अन्य वैश्विक शक्तियों के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत और भूटान के रिश्तों को और प्रगाढ़ करता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वक्तव्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा,
“भारत और भूटान के रिश्ते विश्वास, सम्मान और साझा विकास के मजबूत स्तंभों पर टिके हैं। हम भूटान के विकास को हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

भूटान नरेश का संदेश

भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने भारत की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि भूटान के विकास में भारत का योगदान अभूतपूर्व है। उन्होंने भारत के नेतृत्व और दोनों देशों के बीच भरोसेमंद दोस्ती को मजबूत करने पर जोर दिया।

भविष्य की योजनाएँ

  1. नई विकास परियोजनाएँ: भारत और भूटान के बीच नई हाइड्रोपावर और बुनियादी ढाँचे की परियोजनाओं पर सहमति हुई।
  2. युवाओं के लिए कार्यक्रम: शिक्षा, रोजगार और तकनीकी प्रशिक्षण के नए अवसर पैदा करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की गई।

निष्कर्ष

भूटान नरेश का यह भारत दौरा दोनों देशों के बीच मजबूत कूटनीतिक और सांस्कृतिक रिश्तों की पुष्टि करता है। भारत और भूटान ने इस दौरे के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया कि दोनों राष्ट्र आपसी सहयोग और विश्वास के साथ क्षेत्र में शांति और विकास के लिए मिलकर कार्य करेंगे।

यह दौरा न केवल भूटान के विकास में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि भविष्य में दोनों देशों के संबंधों को नई ऊँचाई पर ले जाने की नींव भी रखता है।