संविधान पर चर्चा: PM मोदी ने इमरजेंसी को लेकर कांग्रेस पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पार्टी पर इमरजेंसी की घटना को लेकर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र पर लगाए गए इमरजेंसी के दाग को देश कभी नहीं भुला सकता। पीएम मोदी ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ सबसे बड़ा पाप करार दिया।
इमरजेंसी का संदर्भ
प्रधानमंत्री ने 1975 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए इमरजेंसी का जिक्र करते हुए कहा, “इमरजेंसी के दौरान देश के नागरिकों के अधिकारों को कुचला गया और संविधान को ताक पर रखकर लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया।” उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के इतिहास का वह काला अध्याय है, जिसे देशवासी भूल नहीं सकते।
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के इस बयान को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि वर्तमान सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए बार-बार इतिहास में झांकती है। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि पार्टी ने इमरजेंसी के लिए पहले ही खेद प्रकट किया है और यह मुद्दा अब अप्रासंगिक हो चुका है।
सियासी माहौल गर्म
पीएम मोदी के इस बयान के बाद संसद में राजनीतिक गर्मी बढ़ गई। बीजेपी सांसदों ने इसे कांग्रेस की लोकतांत्रिक नीतियों पर सवाल उठाने का सही समय बताया, जबकि विपक्षी दलों ने इसे वर्तमान मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया।
जनता की राय
प्रधानमंत्री के बयान ने जनता के बीच इमरजेंसी के दौरान की घटनाओं को फिर से चर्चा में ला दिया है। सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है, जहां कुछ लोग पीएम मोदी के बयान का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ इसे राजनीतिक एजेंडा बता रहे हैं।
निष्कर्ष
संविधान पर चर्चा के दौरान इमरजेंसी का मुद्दा उठाकर प्रधानमंत्री ने एक बार फिर अतीत की घटनाओं को मौजूदा राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बना दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में यह मुद्दा कितना प्रभाव डालता है और जनता इसे किस रूप में स्वीकार करती है।