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आरबीआई ने पीआईडीएफ योजना दिसंबर 2025 तक बढ़ाई, डिजिटल भुगतान को मिलेगा बढ़ावा


भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भुगतान अवसंरचना विकास कोष (पीआईडीएफ) योजना की अवधि दिसंबर 2025 तक बढ़ाने की घोषणा की है। इस योजना के तहत डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अब ‘साउंड बॉक्स’ उपकरण और ‘आधार’ आधारित बायोमेट्रिक उपकरणों को भी सब्सिडी देने के लिए शामिल किया गया है।

आरबीआई का यह कदम डिजिटल भुगतान के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और छोटे व्यापारियों को सक्षम बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। साउंड बॉक्स और बायोमेट्रिक उपकरणों को शामिल करने से व्यापारियों को डिजिटल भुगतान के तरीकों को अपनाने में आसानी होगी और ग्राहकों के लिए भी अधिक सुरक्षित और तेज़ लेन-देन संभव होगा।

पीआईडीएफ योजना का उद्देश्य उन क्षेत्रों में भुगतान अवसंरचना का विकास करना है, जहां डिजिटल लेन-देन की पहुंच कम है। इस योजना के तहत व्यापारियों को पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनें, क्यूआर कोड स्कैनर और अन्य डिजिटल भुगतान उपकरण उपलब्ध कराने पर सब्सिडी दी जाती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से डिजिटल भुगतान को और गति मिलेगी और ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियों में पारदर्शिता और सुविधा बढ़ेगी। आरबीआई ने सभी बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं से योजना के दायरे का लाभ उठाने और अधिक से अधिक व्यापारियों को जोड़ने का आग्रह किया है।

इस योजना का विस्तार डिजिटल इंडिया अभियान के तहत कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में एक और कदम है। इससे देशभर में डिजिटल भुगतान के प्रति लोगों का रुझान बढ़ेगा और भुगतान तंत्र को अधिक समावेशी बनाया जा सकेगा।