भारत में 2024: 1901 के बाद का सबसे गर्म वर्ष, 2016 का रिकॉर्ड टूटा
भारत में 2024 का वर्ष तापमान के लिहाज से इतिहास का सबसे गर्म साल साबित हुआ। 1901 में तापमान का रिकॉर्ड रखना शुरू हुआ था, और तब से अब तक का यह सबसे गर्म साल रहा। इसने 2016 के पिछले रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया।
तापमान का विश्लेषण:
मौसम विभाग के अनुसार, 2024 में औसत वार्षिक तापमान सामान्य से 1.3 डिग्री सेल्सियस अधिक था। गर्मी की यह चरम स्थिति देश के विभिन्न हिस्सों में महसूस की गई, जिसमें उत्तर भारत और मध्य भारत के क्षेत्र विशेष रूप से प्रभावित रहे।
प्रभाव:
- खेती पर असर: असामान्य रूप से उच्च तापमान ने खरीफ और रबी फसलों की पैदावार को प्रभावित किया, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ।
- जल संकट: अत्यधिक गर्मी के कारण देश के कई हिस्सों में जल स्रोतों का सूखना जारी रहा, जिससे जल संकट गहराया।
- स्वास्थ्य समस्याएं: बढ़ते तापमान ने हीटवेव और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को बढ़ावा दिया। अस्पतालों में गर्मी से संबंधित बीमारियों के मामले बढ़े।
कारण:
वैज्ञानिकों ने इस स्थिति का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापमान में हो रही बढ़ोतरी को बताया है। इसके अलावा, औद्योगिक गतिविधियों, वनों की कटाई, और बढ़ते शहरीकरण ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ:
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन जल्द नहीं रोका गया, तो भविष्य में तापमान में और भी अधिक बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
सरकार की प्रतिक्रिया:
भारत सरकार ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। पर्यावरण मंत्रालय ने कार्बन उत्सर्जन में कटौती और हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने की योजनाओं का ऐलान किया है।
आगे का रास्ता:
यह स्थिति न केवल चेतावनी है, बल्कि यह हर व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने की आवश्यकता पर जोर देती है। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास करना बेहद जरूरी है।
यह साल हमें यह समझने पर मजबूर करता है कि पर्यावरण को बचाने के लिए आज उठाए गए कदम ही हमारे भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं।