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नीट परीक्षा में बदलाव संभव: केंद्र सरकार का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा, परीक्षा पैटर्न बदलने के संकेत


केंद्र सरकार ने नीट (NEET) परीक्षा प्रणाली में संभावित बदलावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। इस हलफनामे में परीक्षा प्रक्रिया और पैटर्न को सरल व छात्रों के अनुकूल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

क्या हैं संभावित बदलाव?

सरकार के अनुसार, वर्तमान परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए व्यापक समीक्षा की जा रही है। कुछ संभावित बदलाव निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. परीक्षा का स्वरूप: परीक्षा में प्रश्नों की संख्या, समय सीमा और प्रश्नों की कठिनाई स्तर पर पुनर्विचार।
  2. भाषाई विविधता: क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा को अधिक सुलभ बनाने के उपाय।
  3. समान अवसर: ग्रामीण और शहरी छात्रों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए नई योजनाएँ।

क्यों है यह बदलाव जरूरी?

नीट परीक्षा को लेकर छात्रों और अभिभावकों की ओर से बार-बार शिकायतें मिली हैं। परीक्षा पैटर्न को लेकर छात्रों का कहना है कि यह अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है और कई छात्रों को निजी कोचिंग संस्थानों पर निर्भर होना पड़ता है।

सुप्रीम कोर्ट का रुख

सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामे का अध्ययन करने के बाद सरकार को परीक्षा सुधारों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि ये बदलाव छात्रों के हित में हों।

विशेषज्ञों की राय

शिक्षाविदों का मानना है कि अगर इन सुधारों को लागू किया जाता है, तो इससे छात्रों का मानसिक दबाव कम होगा और परीक्षा को अधिक समावेशी बनाया जा सकेगा।

छात्रों की प्रतिक्रिया

इस खबर के बाद छात्रों के बीच मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ छात्र बदलावों का स्वागत कर रहे हैं, जबकि कुछ को आगामी परीक्षाओं के लिए संशय है।

सरकार की इस पहल को शिक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम माना जा रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रस्तावित बदलाव छात्रों और शिक्षकों के लिए कैसे कारगर साबित होंगे।