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नीट परीक्षा में सुधार की तैयारी: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बदलाव के संकेत दिए


केंद्र सरकार ने नीट (NEET) परीक्षा प्रणाली में सुधार और बदलाव के संकेत देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है। इस हलफनामे में यह स्पष्ट किया गया है कि सरकार परीक्षा प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और छात्रों के लिए अनुकूल बनाने की दिशा में काम कर रही है।

संभावित बदलावों का खाका:

सरकार ने यह स्वीकार किया है कि मौजूदा परीक्षा प्रणाली में कुछ खामियाँ हैं, जिन्हें सुधारने के लिए सुझाव प्राप्त किए जा रहे हैं। संभावित बदलावों में शामिल हैं:

  1. परीक्षा प्रारूप में बदलाव: प्रश्नों की संरचना और कठिनाई स्तर को संतुलित करना।
  2. क्षेत्रीय भाषाओं का समावेश: छात्रों को उनकी मातृभाषा में परीक्षा देने की अधिक सुविधा।
  3. समान अवसर: ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए विशेष योजनाएँ।

छात्रों और अभिभावकों का समर्थन:

सरकार के इस कदम का छात्रों और अभिभावकों ने स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे न केवल परीक्षा में पारदर्शिता आएगी, बल्कि छात्रों का तनाव भी कम होगा।

विशेषज्ञों की राय:

शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस बदलाव से छात्रों की बेहतर तैयारी और प्रदर्शन सुनिश्चित हो सकेगा। साथ ही, परीक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी और आधुनिक बनाया जा सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश:

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इन सुधारों को लागू करने के लिए एक विस्तृत योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि परीक्षा प्रक्रिया छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए हो।

मौजूदा विवाद:

नीट परीक्षा को लेकर लंबे समय से विवाद रहे हैं। परीक्षा प्रणाली पर कोचिंग केंद्रों की बढ़ती निर्भरता और छात्रों पर मानसिक दबाव जैसे मुद्दे प्रमुख रहे हैं।

सरकार द्वारा सुझाए गए ये बदलाव शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकते हैं। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि सरकार इन सुधारों को कैसे लागू करती है और छात्रों के लिए किस प्रकार से एक सकारात्मक बदलाव लाती है।