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कासगंज हत्याकांड: चंदन गुप्ता की हत्या के मामले में 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा


उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुए चंदन गुप्ता हत्याकांड में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस मामले में 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई है। चार साल पुराने इस केस का फैसला आने के बाद पीड़ित परिवार ने न्याय मिलने पर संतोष जताया है।

क्या है कासगंज हत्याकांड?

यह घटना 26 जनवरी 2018 की है, जब कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तिरंगा यात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी, जिसके बाद चंदन को गोली मारी गई। इस घटना के बाद कासगंज में कई दिनों तक माहौल तनावपूर्ण रहा था।

फैसले में क्या कहा गया?

कासगंज की स्थानीय अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए 28 लोगों को दोषी करार दिया और सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि यह हत्या पूर्व नियोजित थी और दोषियों ने सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ने की कोशिश की।

पीड़ित परिवार की प्रतिक्रिया

चंदन गुप्ता के परिवार ने फैसले पर संतोष जताते हुए कहा,
“हमने चार साल तक न्याय का इंतजार किया। अब हमें लग रहा है कि हमारे बेटे की मौत का इंसाफ मिला है।”

चंदन की मां ने कहा कि वह अपने बेटे को खोने का दर्द कभी नहीं भूल पाएंगी, लेकिन कोर्ट के फैसले से उन्हें थोड़ी राहत मिली है।

दोषियों पर क्या आरोप थे?

दोषियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, जिनमें हत्या, दंगा फैलाना, आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप शामिल थे। पुलिस ने घटना के बाद 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से 28 को दोषी पाया गया।

घटना के बाद का माहौल

कासगंज हत्याकांड के बाद कई दिनों तक शहर में कर्फ्यू लगा रहा। कई इलाकों में तनाव फैल गया था। घटना के बाद पुलिस और प्रशासन पर भी सवाल उठे थे। सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था।

मामले पर राजनीति

यह घटना राजनीतिक रूप से भी काफी चर्चा में रही थी। विपक्षी दलों ने सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए थे। वहीं, कई संगठनों ने इस घटना को देशभक्ति से जोड़ते हुए न्याय की मांग की थी।

फैसले का क्या है संदेश?

कासगंज कोर्ट का यह फैसला संदेश देता है कि कानून अपने हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया कि ऐसे मामलों में कड़ी सजा देकर सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ने वालों को सबक सिखाया जाएगा।

दोषियों के वकील का पक्ष

दोषियों के वकील ने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। उनका तर्क है कि सभी दोषियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं और उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है।

भविष्य की कार्रवाई

सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कानून व्यवस्था को सख्त करने की बात कही है। पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि तिरंगा यात्राओं के दौरान ऐसी घटनाओं को रोका जाए और समय रहते सख्त कार्रवाई की जाए।


निष्कर्ष
कासगंज हत्याकांड में चंदन गुप्ता की हत्या के मामले में दोषियों को सजा मिलने से यह साबित हुआ है कि न्याय की प्रक्रिया भले ही धीमी हो, लेकिन दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। यह फैसला समाज में कानून के प्रति विश्वास को मजबूत करता है और अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है।