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मुंबई में धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम में अफरा-तफरी, भभूति वितरण के दौरान कई महिलाएं बीमार


मुंबई में बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम के दौरान भभूति (पवित्र राख) वितरण के समय भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। इस घटना में कई महिलाओं की तबीयत बिगड़ने की खबर है। कार्यक्रम में उमड़ी भारी भीड़ के कारण आयोजन स्थल पर अव्यवस्था फैल गई, जिसके चलते कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई और उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता दी गई।

क्या है पूरा मामला?

धीरेंद्र शास्त्री का यह कार्यक्रम मुंबई के एक बड़े मैदान में आयोजित किया गया था, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में जब भभूति का वितरण शुरू हुआ, तो वहां मौजूद भीड़ बेकाबू हो गई। आयोजकों ने भभूति वितरण के लिए सीमित व्यवस्था की थी, लेकिन भारी भीड़ के कारण अव्यवस्था फैल गई।

चश्मदीदों के अनुसार, भभूति प्राप्त करने के लिए लोग मंच के पास धक्का-मुक्की करने लगे। इसी दौरान कई महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें तुरंत पास के मेडिकल कैंप में ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार दिया गया।

आयोजकों की लापरवाही का आरोप

घटना के बाद कई लोगों ने कार्यक्रम के आयोजकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि आयोजकों ने भीड़ प्रबंधन की उचित व्यवस्था नहीं की थी।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “हम सुबह से लाइन में खड़े थे, लेकिन जब भभूति बांटने का समय आया, तो कोई व्यवस्था नहीं थी। लोग एक-दूसरे को धक्का दे रहे थे। महिलाओं और बच्चों को काफी परेशानी हुई।”

महिलाओं की तबीयत बिगड़ी

घटना के दौरान कई महिलाओं ने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की। कुछ महिलाओं को चक्कर आने लगे, जबकि कुछ को बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया।

स्थानीय प्रशासन ने बताया कि लगभग 20 महिलाओं को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया। पुलिस ने कहा कि भीड़ के कारण कुछ समय के लिए अव्यवस्था जरूर हुई थी, लेकिन अब हालात सामान्य हैं।

मुंबई पुलिस ने आयोजकों को भीड़ प्रबंधन में लापरवाही न बरतने की चेतावनी दी है। पुलिस का कहना है कि ऐसे धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी आयोजकों की होती है।

धीरेंद्र शास्त्री की प्रतिक्रिया

इस घटना पर धीरेंद्र शास्त्री ने खेद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “हमारे कार्यक्रम में देशभर से भक्त आते हैं। हमें इस घटना का दुख है। मैं सभी से अपील करता हूं कि कार्यक्रम के दौरान धैर्य बनाए रखें और भीड़भाड़ से बचें।”

उन्होंने आयोजकों से भी कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए उचित व्यवस्था की जाए।

भक्तों की संख्या उम्मीद से ज्यादा

आयोजन समिति ने बताया कि कार्यक्रम में जितनी भीड़ की उम्मीद की जा रही थी, उससे कहीं ज्यादा लोग आए। आयोजकों ने कहा कि वे अनुमानित संख्या के हिसाब से व्यवस्थाएं कर रहे थे, लेकिन भीड़ अपेक्षा से अधिक होने के कारण दिक्कतें हुईं।

भविष्य के कार्यक्रमों पर सवाल

इस घटना के बाद भविष्य में होने वाले धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रमों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर भीड़ प्रबंधन की उचित व्यवस्था नहीं की गई, तो ऐसी घटनाएं फिर से हो सकती हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती होती है। ऐसे आयोजनों के लिए प्रशासन और आयोजकों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

निष्कर्ष

मुंबई में धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम के दौरान हुई अव्यवस्था ने भीड़ प्रबंधन की कमजोरियों को उजागर किया है। भभूति वितरण के समय हुई धक्का-मुक्की और महिलाओं की तबीयत बिगड़ने की घटना ने आयोजकों की लापरवाही को सामने लाया है। इस घटना से सीख लेते हुए भविष्य के आयोजनों में बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है। प्रशासन और आयोजकों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों और भक्तों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।