गुजरात के पोरबंदर में कोस्ट गार्ड हेलीकॉप्टर क्रैश, तीन जवानों की मौत
गुजरात के पोरबंदर में भारतीय कोस्ट गार्ड का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में तीन जवानों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल है। हेलीकॉप्टर नियमित ट्रेनिंग मिशन पर था, जब यह हादसा हुआ।
घटना के बाद भारतीय कोस्ट गार्ड और स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। हादसे के कारणों की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है।
कैसे हुआ हादसा?
यह दुर्घटना पोरबंदर के समुद्री तट के पास हुई। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, हेलीकॉप्टर रूटीन पेट्रोलिंग और ट्रेनिंग मिशन पर था। उड़ान के दौरान हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके बाद पायलट ने उसे आपात लैंडिंग की कोशिश की।
हालांकि, लैंडिंग के दौरान हेलीकॉप्टर का नियंत्रण खो गया और यह समुद्र के पास क्रैश हो गया।
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय मछुआरों और कोस्ट गार्ड की टीम ने बचाव कार्य शुरू किया।
तीन जवानों की मौत, एक घायल
इस हादसे में तीन जवानों की मौत हो गई, जिनमें पायलट और दो अन्य क्रू मेंबर शामिल हैं।
मृतकों की पहचान:
- कमांडर अरुण सिंह
- पायलट अजय वर्मा
- इंजीनियर हरीश पाटिल
इसके अलावा, एक जवान गंभीर रूप से घायल हुआ है, जिसे तुरंत स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, घायल जवान की हालत नाजुक बनी हुई है।
कोस्ट गार्ड का बयान
भारतीय कोस्ट गार्ड ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा,
“हमने अपने तीन बहादुर जवानों को खो दिया है। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।“
कोस्ट गार्ड ने यह भी बताया कि यह हेलीकॉप्टर नियमित ट्रेनिंग मिशन पर था और हादसे के पहले कोई सुरक्षा अलर्ट नहीं मिला था।
हेलीकॉप्टर की स्थिति और तकनीकी खामी
सूत्रों के मुताबिक, दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर एएलएच ध्रुव (Advanced Light Helicopter) था। यह हेलीकॉप्टर भारतीय कोस्ट गार्ड के बेड़े में शामिल मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर है, जिसका उपयोग पेट्रोलिंग, बचाव अभियान, और तटीय सुरक्षा में किया जाता है।
हालांकि, शुरुआती जांच में माना जा रहा है कि हेलीकॉप्टर में तकनीकी खामी के कारण यह हादसा हुआ।
तकनीकी खामियों के संभावित कारण:
- इंजन फेल होना
- नेविगेशन सिस्टम में गड़बड़ी
- मौसम संबंधी समस्या
स्थानीय प्रशासन और मछुआरों की मदद
दुर्घटना के तुरंत बाद स्थानीय मछुआरों और पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में मदद की।
स्थानीय मछुआरे रमेश भाई ने बताया,
“हमने अचानक तेज आवाज सुनी और देखा कि एक हेलीकॉप्टर समुद्र के पास गिर गया है। हम तुरंत अपनी नावों के साथ मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया।”
हादसे पर शोक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हादसे पर शोक व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया,
“हमने देश के तीन बहादुर जवानों को खो दिया है। उनकी बहादुरी को हमेशा याद किया जाएगा। मैं उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी घटना की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया और कहा कि सरकार मृतकों के परिवारों को हर संभव मदद मुहैया कराएगी।
जांच के आदेश, कोर्ट ऑफ इंक्वायरी गठित
भारतीय कोस्ट गार्ड ने इस दुर्घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। विशेषज्ञों की एक टीम दुर्घटनास्थल का निरीक्षण करेगी और हेलीकॉप्टर के ब्लैक बॉक्स को खंगालेगी ताकि दुर्घटना के सही कारणों का पता चल सके।
जांच के प्रमुख बिंदु:
- हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी का कारण
- पायलट की ओर से कोई तकनीकी गलती तो नहीं हुई
- मौसम संबंधी परिस्थितियां
पिछले कुछ सालों में हुई ऐसी घटनाएं
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय सुरक्षा बलों के हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं के कई मामले सामने आए हैं।
हाल की कुछ प्रमुख दुर्घटनाएं:
- दिसंबर 2021: तमिलनाडु में सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
- अप्रैल 2023: अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था।
- अक्टूबर 2024: जम्मू-कश्मीर में भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इन घटनाओं के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने हेलीकॉप्टरों की सुरक्षा और तकनीकी निरीक्षण को प्राथमिकता देने की बात कही थी।
भविष्य की दिशा: सुरक्षा सुधार की जरूरत
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए तकनीकी निरीक्षण और रखरखाव को मजबूत करना होगा।
विशेषज्ञों के सुझाव:
- हेलीकॉप्टरों की नियमित तकनीकी जांच हो।
- पायलटों को आपात स्थिति में लैंडिंग की बेहतर ट्रेनिंग दी जाए।
- हेलीकॉप्टर में उन्नत सुरक्षा उपकरणों का उपयोग किया जाए।
निष्कर्ष
गुजरात के पोरबंदर में कोस्ट गार्ड का हेलीकॉप्टर क्रैश होना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, जिसमें तीन बहादुर जवानों की जान चली गई। सरकार और सुरक्षा बल इस हादसे की गंभीरता से जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
यह घटना एक बार फिर से हवाई सुरक्षा और तकनीकी निरीक्षण पर सवाल खड़े करती है। हादसे में जान गंवाने वाले जवानों की शहादत को देश हमेशा याद रखेगा।