कोरोना वायरस की 2025 में वापसी का दावा झूठा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया खंडन
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस 2025 में फिर से लौटेगा और इससे एक बार फिर वैश्विक संकट पैदा होगा। यह वीडियो 2022 के एक समाचार क्लिप को संदर्भित करता है, जिसे अब गलत जानकारी के साथ प्रसारित किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे झूठी और भ्रामक सूचना करार दिया है।
क्या है वायरल दावा?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस 2025 में एक बार फिर दुनिया में कहर बरपाएगा। इस वीडियो में एक समाचार एंकर को यह कहते हुए दिखाया गया है कि आने वाले सालों में कोरोना वायरस का नया संस्करण सामने आ सकता है। इस वीडियो के आधार पर लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि 2025 में एक नई महामारी की संभावना है।
स्वास्थ्य मंत्रालय का स्पष्टीकरण
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरल दावे को झूठा करार दिया है। मंत्रालय ने कहा कि यह वीडियो 2022 का है, जिसे वर्तमान परिप्रेक्ष्य में गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि वर्तमान में ऐसी कोई वैज्ञानिक या आधिकारिक जानकारी नहीं है, जो 2025 में कोरोना वायरस की वापसी की ओर इशारा करती हो। यह पूरी तरह से अफवाह है।”
फर्जी खबरें कैसे फैलती हैं?
फर्जी खबरें और गलत सूचनाएं सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से फैलती हैं। लोग बिना तथ्य जांचे ही वीडियो और मैसेज को फॉरवर्ड कर देते हैं, जिससे गलत जानकारी व्यापक स्तर पर फैल जाती है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को किसी भी खबर को आगे बढ़ाने से पहले उसकी सत्यता की जांच करनी चाहिए। भ्रामक सूचनाएं न केवल लोगों में डर और भ्रम पैदा करती हैं, बल्कि सरकारी नीतियों और स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
भ्रामक सूचनाओं से बचने के लिए क्या करें?
- तथ्यों की जांच करें: किसी भी खबर को आगे बढ़ाने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें।
- आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें: स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी के लिए केवल आधिकारिक वेबसाइटों और सरकारी एजेंसियों के बयान पर भरोसा करें।
- सोशल मीडिया पर सावधानी बरतें: सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही हर जानकारी को सही मानकर न चलें।
- अफवाहों को न फैलाएं: यदि कोई जानकारी संदिग्ध लगे, तो उसे दूसरों को फॉरवर्ड करने से बचें।
कोरोना वायरस के मौजूदा हालात
वर्तमान में भारत और दुनिया के अधिकांश हिस्सों में कोरोना वायरस की स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि, कुछ देशों में अभी भी कोविड-19 के नए वेरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इसकी गंभीरता पहले की लहरों की तुलना में काफी कम है। टीकाकरण और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के कारण अब स्थिति पहले से बेहतर है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और किसी भी भ्रामक जानकारी पर विश्वास न करें। साथ ही, यह सुनिश्चित करें कि वे कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते रहें और नियमित रूप से स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को फॉलो करें।
सरकार का रुख
भारत सरकार फर्जी खबरों को रोकने के लिए लगातार कदम उठा रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी भ्रामक जानकारियों को हटाने के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। इसके अलावा, सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत गलत सूचनाएं फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी प्रावधान किया है।
निष्कर्ष
कोरोना वायरस की 2025 में वापसी का दावा पूरी तरह से फर्जी है। सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही ऐसी भ्रामक सूचनाओं से बचना चाहिए और केवल आधिकारिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही विश्वास करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। फर्जी खबरों को रोकने के लिए सभी को सतर्क रहने की जरूरत है।