2026 से साल में दो बार होगी बोर्ड परीक्षा, शिक्षा मंत्री ने की नई नीति की घोषणा
नई शिक्षा नीति के तहत भारत में बोर्ड परीक्षाओं को लेकर एक बड़ा बदलाव आने वाला है। शिक्षा मंत्री ने घोषणा की है कि 2026-27 सत्र से कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जाएगा। इस नए सिस्टम के तहत अब बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। सरकार का यह कदम शिक्षा क्षेत्र में सुधार और छात्रों पर परीक्षा के दबाव को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
सेमेस्टर सिस्टम क्या है?
सेमेस्टर सिस्टम के तहत अब छात्रों को पूरे साल की पढ़ाई एक साथ नहीं करनी होगी। वर्ष को दो हिस्सों में बांट दिया जाएगा और प्रत्येक सेमेस्टर के अंत में एक परीक्षा होगी। इससे छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम होगा और वे नियमित रूप से अपनी पढ़ाई का मूल्यांकन कर सकेंगे।
क्यों किया जा रहा है यह बदलाव?
शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह बदलाव छात्रों पर परीक्षा के दबाव को कम करने और उन्हें सीखने की प्रक्रिया में अधिक सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि छात्रों को रटने की बजाय समझने और सीखने की प्रक्रिया को महत्व दिया जाए। साल में दो बार बोर्ड परीक्षा होने से छात्र नियमित रूप से पढ़ाई करेंगे और अंतिम समय में पढ़ाई का दबाव नहीं पड़ेगा।”
छात्रों को क्या होगा फायदा?
नए सेमेस्टर सिस्टम से छात्रों को कई फायदे मिल सकते हैं:
- पढ़ाई का बोझ कम होगा: छात्रों को पूरे साल की पढ़ाई एक साथ नहीं करनी होगी। वे हर सेमेस्टर में अलग-अलग विषयों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
- परीक्षा का डर कम होगा: छात्रों को अब एक ही बार में पूरे साल की परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी। इससे परीक्षा का तनाव कम होगा।
- नियमित मूल्यांकन: सेमेस्टर सिस्टम के तहत छात्रों का नियमित रूप से मूल्यांकन किया जाएगा, जिससे वे अपनी कमजोरियों को समय रहते सुधार सकेंगे।
शिक्षक और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
शिक्षक और अभिभावकों ने इस नई नीति का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह कदम छात्रों के समग्र विकास के लिए फायदेमंद होगा। एक शिक्षक ने कहा, “यह बदलाव छात्रों को नियमित रूप से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करेगा। साथ ही, यह उन्हें अपने कमजोर विषयों पर काम करने का अवसर भी देगा।”
शिक्षा मंत्रालय की योजना
शिक्षा मंत्रालय ने नई नीति को लागू करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई है। मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि स्कूलों को समय पर पाठ्यक्रम की जानकारी मिले और परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया जाए। इसके अलावा, मूल्यांकन प्रक्रिया को भी अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
परीक्षा पैटर्न में बदलाव
नए सिस्टम के तहत परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव किया जाएगा। परीक्षा में अब सिर्फ रटने वाले सवालों के बजाय ऐसे सवाल पूछे जाएंगे, जो छात्रों की समझ और तर्क क्षमता को परखें। इससे छात्रों को विषयों को गहराई से समझने का मौका मिलेगा।
आलोचना भी हो रही है
हालांकि, कुछ शिक्षाविदों का मानना है कि यह बदलाव सभी छात्रों के लिए फायदेमंद नहीं हो सकता। उनका कहना है कि बार-बार परीक्षा देने से कुछ छात्रों पर दबाव भी बढ़ सकता है। साथ ही, कई स्कूलों को इस नई प्रणाली को अपनाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
सरकार का रुख
सरकार का कहना है कि इस नई प्रणाली को लागू करने से पहले सभी आवश्यक तैयारियां की जाएंगी। स्कूलों और शिक्षकों को इस बदलाव के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि छात्रों को इसका पूरा लाभ मिल सके। शिक्षा मंत्री ने कहा, “हमारा उद्देश्य छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देना है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि नई नीति को सफलतापूर्वक लागू किया जाए।”
निष्कर्ष
2026 से लागू होने वाला सेमेस्टर सिस्टम भारत में शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव है। यह छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा अनुभव प्रदान करने और उन्हें अधिक आत्मविश्वास से परीक्षा देने में मदद करेगा। सरकार और शिक्षा मंत्रालय को उम्मीद है कि इस नई नीति से शिक्षा का स्तर बेहतर होगा और छात्रों को सीखने की प्रक्रिया में अधिक रुचि आएगी।