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क्वाड देशों की प्रतिबद्धता: स्वतंत्र और स्थिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दिशा में नया कदम


क्वाड (QUAD) देशों — भारत, अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया — ने स्वतंत्र और स्थिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर से दोहराया है। हाल ही में हुई क्वाड की उच्च-स्तरीय बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, और समुद्री मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना और उभरती चुनौतियों का सामना करना था।

क्वाड बैठक के मुख्य बिंदु

क्वाड समूह ने इस बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की, जिनमें क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार और आर्थिक सहयोग को प्राथमिकता दी गई।

1. क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता

क्वाड देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों पर चिंता व्यक्त की। बैठक में चीन की आक्रामक नीति और समुद्री विवादों पर चर्चा हुई। सभी चार देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि समुद्री क्षेत्रों में नियम-आधारित व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन अनिवार्य है।

2. समुद्री सुरक्षा सहयोग

क्वाड ने समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नए कदम उठाने की घोषणा की। इसमें साझा नौसेना अभ्यास, समुद्री खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान, और समुद्री मार्गों की निगरानी शामिल है। इसका उद्देश्य समुद्री व्यापार को सुरक्षित बनाना और अवैध गतिविधियों को रोकना है।

3. आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता

क्वाड देशों ने प्राकृतिक आपदाओं के दौरान एकजुट होकर मदद करने की प्रतिबद्धता जताई। इसके तहत, आपदा प्रबंधन के लिए एक आपसी सहयोग तंत्र विकसित किया जाएगा। यह पहल क्षेत्र के छोटे द्वीप देशों को सहायता प्रदान करने में भी मदद करेगी।

4. आर्थिक सहयोग और टेक्नोलॉजी साझेदारी

बैठक में आर्थिक सहयोग को भी प्राथमिकता दी गई। क्वाड देशों ने डिजिटल टेक्नोलॉजी, साइबर सुरक्षा, और क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में एक साथ काम करने का निर्णय लिया। इसके अलावा, व्यापार में पारदर्शिता और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने पर भी जोर दिया गया।

भारत की भूमिका

भारत ने इस बैठक में अपनी प्रमुख भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने जोर देकर कहा कि क्षेत्रीय विवादों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए। भारत ने समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा।

चीन की प्रतिक्रिया

क्वाड की इस बैठक पर चीन की नजर बनी हुई है। चीन ने क्वाड समूह पर यह आरोप लगाया है कि यह एक “एशियाई नाटो” बनाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, क्वाड देशों ने स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य किसी एक देश को लक्षित करना नहीं है, बल्कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना है।

क्वाड की भविष्य की योजनाएं

क्वाड देशों ने भविष्य में भी नियमित रूप से बैठकों का आयोजन करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, उन्होंने तकनीकी और रक्षा क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इसके तहत, साइबर सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, और महामारी की रोकथाम पर भी काम किया जाएगा।

निष्कर्ष

क्वाड की यह बैठक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता, और सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। क्वाड देशों की प्रतिबद्धता यह दर्शाती है कि वे एक स्वतंत्र, खुला, और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग के इस नए अध्याय में, क्वाड की भूमिका आने वाले समय में और अधिक महत्वपूर्ण हो सकती है।