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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट: 17 अप्रैल से शुरू होगा संचालन, क्षेत्र में विकास को मिलेगी रफ्तार


नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और इसके 17 अप्रैल 2025 से संचालन शुरू होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश के जेवर में स्थित यह एयरपोर्ट देश के सबसे बड़े और आधुनिक हवाई अड्डों में से एक होगा। इस एयरपोर्ट के चालू होने से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी और क्षेत्र में रोजगार व आर्थिक विकास को नई रफ्तार मिलेगी।

एयरपोर्ट की प्रमुख विशेषताएँ

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जिसे जेवर एयरपोर्ट भी कहा जाता है, आधुनिक तकनीकों और सुविधाओं से लैस होगा। यह हवाई अड्डा पर्यावरण के अनुकूल होगा और सौर ऊर्जा के उपयोग को प्राथमिकता दी जाएगी।

एयरपोर्ट की कुछ प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

  • कुल क्षेत्रफल: लगभग 5000 हेक्टेयर
  • टर्मिनल क्षमता: शुरुआती चरण में 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता
  • रनवे: शुरुआती चरण में दो रनवे, भविष्य में चार रनवे तक विस्तार की योजना
  • ग्रीन एयरपोर्ट: सस्टेनेबल और पर्यावरण-अनुकूल निर्माण पर जोर

क्षेत्रीय विकास को मिलेगा बढ़ावा

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने से न केवल नोएडा और ग्रेटर नोएडा को लाभ होगा, बल्कि इसके प्रभाव दूर-दराज के क्षेत्रों तक भी पहुंचेंगे। एयरपोर्ट के चालू होने से:

  1. रोजगार के अवसर: हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे।
  2. पर्यटन को बढ़ावा: दिल्ली और उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
  3. औद्योगिक विकास: एयरपोर्ट के आसपास औद्योगिक क्षेत्रों का विकास तेज होगा।
  4. रियल एस्टेट में उछाल: जेवर और आसपास के क्षेत्रों में जमीन की कीमतों में वृद्धि हुई है।

एयरपोर्ट का महत्व

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का पहला ऐसा हवाई अड्डा होगा, जिसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर विकसित किया जा रहा है। इसे स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल द्वारा विकसित किया जा रहा है। यह एयरपोर्ट भारत के अन्य प्रमुख एयरपोर्ट्स, जैसे दिल्ली और मुंबई, पर यात्री भार को कम करने में मदद करेगा।

सरकार का मानना है कि इस एयरपोर्ट के माध्यम से भारत की वैश्विक हवाई कनेक्टिविटी में सुधार होगा और देश के विमानन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जाएगा।

संचालन की तैयारियाँ

एयरपोर्ट के उद्घाटन को लेकर सभी तैयारियाँ जोरों पर हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट के उद्घाटन समारोह में शामिल हो सकते हैं।

इस एयरपोर्ट पर:

  • घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें संचालित होंगी।
  • आधुनिक कस्टम क्लियरेंस और सुरक्षा उपाय होंगे।
  • यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं, जैसे वाई-फाई, अत्याधुनिक लाउंज और कैफे की व्यवस्था होगी।

पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसका मतलब है कि एयरपोर्ट निर्माण के दौरान पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखा गया है। एयरपोर्ट पर सौर ऊर्जा का उपयोग होगा और कचरे के प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।

यात्रियों को क्या सुविधाएँ मिलेंगी?

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए निम्नलिखित सुविधाएँ उपलब्ध होंगी:

  • अत्याधुनिक चेक-इन और इमिग्रेशन काउंटर
  • डिजिटल बोर्डिंग प्रक्रिया
  • लगेज ट्रैकिंग सिस्टम
  • वर्ल्ड-क्लास लाउंज
  • शॉपिंग और डाइनिंग के लिए प्रीमियम आउटलेट्स

क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

एयरपोर्ट के शुरू होने से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। एयरपोर्ट के आसपास लॉजिस्टिक्स पार्क, आईटी हब, और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की योजना बनाई गई है। इससे राज्य में निवेश आकर्षित होगा और आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी।

सुरक्षा इंतजाम

एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। यहां फुल-बॉडी स्कैनर, सीसीटीवी कैमरे, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सुरक्षा प्रणालियाँ लगाई जाएंगी।

निष्कर्ष

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इसके चालू होने से देश के विमानन क्षेत्र में नई क्रांति आएगी। यह एयरपोर्ट क्षेत्रीय विकास, रोजगार सृजन और वैश्विक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा। उम्मीद की जा रही है कि 17 अप्रैल 2025 से इस एयरपोर्ट के संचालन के बाद NCR क्षेत्र में यात्री सुविधाओं और औद्योगिक विकास में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।