दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे: फरवरी 2025 तक होगा तैयार, यात्रा समय में आएगी बड़ी कमी
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से जारी है और यह फरवरी 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद दिल्ली और देहरादून के बीच की यात्रा बेहद आसान और तेज हो जाएगी। वर्तमान में इस यात्रा में लगभग 6 घंटे का समय लगता है, लेकिन एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद यह समय घटकर 2.5 घंटे रह जाएगा।
परियोजना की मुख्य विशेषताएँ
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को भारत के सबसे आधुनिक और हरित एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे न केवल तेज यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता देगा।
इस एक्सप्रेसवे की कुछ प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
- लंबाई: 210 किलोमीटर
- लेन: 6 लेन (फ्यूचर एक्सपैंशन के साथ 8 लेन तक)
- ग्रीन कॉरिडोर: सड़क के किनारे लाखों पेड़ लगाए जा रहे हैं।
- स्मार्ट सुविधाएँ: एक्सप्रेसवे पर कैमरे, वाई-फाई और ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम जैसी स्मार्ट सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
यात्रा समय में होगी बड़ी बचत
एक्सप्रेसवे के चालू होने के बाद दिल्ली से देहरादून की यात्रा न केवल कम समय में पूरी होगी, बल्कि यात्रियों को बेहतर सड़क सुरक्षा और आरामदायक यात्रा का अनुभव भी मिलेगा।
- वर्तमान यात्रा समय: 5-6 घंटे
- एक्सप्रेसवे के बाद यात्रा समय: 2.5 घंटे
यह परियोजना उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र को भी एक नई दिशा देगी। हरिद्वार, ऋषिकेश और मसूरी जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों तक पहुँच अब पहले से आसान होगी।
पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके तहत सड़क के किनारे हरित पट्टी तैयार की जा रही है। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे पर सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा और जल संरक्षण के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
परियोजना के अंतर्गत:
- सड़क के दोनों ओर लाखों पेड़ लगाए जा रहे हैं।
- वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) की व्यवस्था की गई है।
- एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जा रहे हैं।
सुरक्षा सुविधाएँ
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है।
- CCTV निगरानी: हर 500 मीटर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
- एम्बुलेंस और आपातकालीन सेवाएँ: एक्सप्रेसवे पर हर कुछ किलोमीटर की दूरी पर एम्बुलेंस और आपातकालीन सेवाओं की सुविधा होगी।
- स्पीड लिमिट मॉनिटरिंग: स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत स्पीड मॉनिटरिंग की जाएगी।
आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के बनने से उत्तराखंड और दिल्ली के बीच व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे उत्तराखंड में निवेश के नए अवसर पैदा करेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए साधन उपलब्ध कराएगा।
- पर्यटन: उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों तक पहुँच आसान होगी, जिससे राज्य में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
- लॉजिस्टिक्स: मालवाहक वाहनों के लिए तेज और सुगम मार्ग उपलब्ध होगा, जिससे लॉजिस्टिक्स सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना की वर्तमान स्थिति
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, अधिकांश सड़क का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। केवल कुछ हिस्सों पर अंतिम लेयरिंग और साइन बोर्ड लगाने का काम बचा हुआ है।
NHAI के अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों की उम्मीदें
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को लेकर स्थानीय लोगों और व्यापारियों में काफी उत्साह है। उनका मानना है कि इस परियोजना से न केवल यात्रा समय में कमी आएगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।
एक स्थानीय व्यापारी ने कहा, “यह एक्सप्रेसवे हमारे लिए गेम-चेंजर साबित होगा। इससे व्यापार में तेजी आएगी और हमारी पहुँच दिल्ली जैसे बड़े बाजारों तक आसान होगी।”
निष्कर्ष
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। इसके चालू होने से न केवल दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा आसान होगी, बल्कि यह परियोजना आर्थिक विकास, पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा, तो फरवरी 2025 तक यह एक्सप्रेसवे यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा, जो भविष्य में भारत के विकास की दिशा में एक और कदम होगा।