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जनवरी 2025: जानिए इस महीने के प्रमुख व्रत और त्योहारों की सूची


जनवरी 2025 का महीना धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे, जो पूरे भारत में हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाए जाते हैं। इन त्योहारों में मकर संक्रांति, लोहड़ी और पौष पुत्रदा एकादशी जैसे पर्व शामिल हैं। आइए, जानते हैं जनवरी 2025 के प्रमुख व्रत और त्योहारों की पूरी सूची और उनका महत्व।


जनवरी 2025 के प्रमुख व्रत और त्योहार

  1. लोहड़ी (14 जनवरी 2025)
    • महत्व: लोहड़ी का त्योहार पंजाब और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में खासतौर पर मनाया जाता है। यह फसल कटाई का पर्व है और नई फसल के लिए भगवान का धन्यवाद करने का अवसर है। इस दिन अग्नि के चारों ओर घूमकर लोग रेवड़ी, मूंगफली, और तिल डालते हैं।
    • उत्सव: लोग गिद्दा और भांगड़ा करते हैं, और पारंपरिक गीत गाए जाते हैं।
  2. मकर संक्रांति (15 जनवरी 2025)
    • महत्व: मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है। इसे देशभर में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है, जैसे कि तमिलनाडु में पोंगल, गुजरात में उत्तरायण और असम में भोगाली बिहू।
    • परंपराएं: इस दिन गंगा स्नान, तिल-गुड़ खाने और पतंग उड़ाने का विशेष महत्व है।
  3. पौष पुत्रदा एकादशी (21 जनवरी 2025)
    • महत्व: इस व्रत को संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपति के लिए विशेष माना जाता है।
    • पूजा विधि: इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की आराधना की जाती है।
  4. बसंत पंचमी (29 जनवरी 2025)
    • महत्व: यह दिन सरस्वती पूजा के लिए प्रसिद्ध है। इसे विद्या और ज्ञान का पर्व माना जाता है।
    • परंपराएं: इस दिन पीले वस्त्र पहनना और पीले पकवान बनाना शुभ माना जाता है।

जनवरी 2025 के अन्य महत्वपूर्ण व्रत और तिथियां

तिथिव्रत/त्योहारमहत्व
11 जनवरी 2025सफला एकादशीइच्छाओं की पूर्ति और सफलता के लिए।
14 जनवरी 2025भोगाली बिहूअसम का प्रसिद्ध फसल त्योहार।
15 जनवरी 2025पोंगलतमिलनाडु में फसल कटाई का उत्सव।
25 जनवरी 2025शततिला एकादशीदान और पवित्रता के महत्व का प्रतीक।

इन त्योहारों का सांस्कृतिक महत्व

जनवरी के ये पर्व भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि का प्रतीक हैं। ये त्योहार न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और पारिवारिक जीवन में भी अहम भूमिका निभाते हैं।

  • सामाजिक उत्सव: लोहड़ी और मकर संक्रांति जैसे त्योहार परिवारों और समुदायों को एकजुट करते हैं।
  • धार्मिक परंपराएं: एकादशी व्रत और सरस्वती पूजा जैसे पर्व आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

निष्कर्ष

जनवरी 2025 का महीना व्रत और त्योहारों से भरपूर है, जो भक्ति, उल्लास और उत्सव का समय है। इन पर्वों को श्रद्धा और आनंद के साथ मनाकर हम अपनी परंपराओं और संस्कृति को जीवित रख सकते हैं।