भारत–EU मुक्त व्यापार समझौता वार्ता का 11वां दौर शुरू
🛡️ वार्ता की पृष्ठभूमि
भारत और यूरोपीय संघ (EU) की बातचीत जुलाई 2022 में पुनः शुरू हुई थी, और अब 11वां दौर 12 मई से 16 मई तक नई दिल्ली में चल रहा है । वार्ता के मुख्य उद्देश्य हैं:
- पहले चरण में तेजी लाना और उसे जल्द समाप्त करना,
- समग्र एफटीए की वर्ष 2025 के अंत तक पूर्णता सुनिश्चित करना ।
यह कदम वैश्विक व्यापारिक अस्थिरता—विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफों—के बीच एक रणनीतिक प्रतिक्रिया माना जा रहा है ।
🔍 बातचीत के प्रमुख एजेंडे
वार्ता के दौरान जिन प्रमुख मुद्दों पर ध्यान दिया जा रहा है:
- वस्तुओं व सेवाओं का बाजार पहुँच – भारत अपनी निर्यात वस्तुओं को अधिक सहज तरीके से EU तक पहुँचाना चाहता है, जबकि EU कार, शराब और बीमा जैसे क्षेत्रों में अधिक खुलापन चाहता है ।
- निवेश और सरकारी खरीद अनुबंध – भारत सरकारी खरीद में EU कंपनियों के लिए खुलापन प्रदान करने पर विचार कर रहा है
- टैरिफ कटौती – दोनों पक्ष “दो-चरण” रणनीति अपना रहे हैं: पहले कम विवादास्पद मुद्दे सुलझाए जाएँ और बाद में अधिक जटिल मुद्दों पर फ़ोकस करें
- गैर‑टैरिफ बाधाएँ – EU की कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (CBAM) और वृक्ष कटाई नियमन (EUDR) पर चर्चा; साथ ही भारत की क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (QCOs) से संबंधित मुद्दों पर विचार हो रहा है
✅ हाल की प्रगति
- 11वां दौर (12–16 मई) वार्ता का समापन हुआ जिसमें पाँच अध्यायों पर सहमति बनी, जिनमें बौद्धिक संपदा, कस्टम्स, ट्रेड फैसिलिटेशन जैसे गैर विवादास्पद क्षेत्र शामिल हैं ।
- कुल मिलाकर अब तक लगभग 8 अध्यायों पर सहमति बन चुकी है, जबकि कृषि (डेयरी, चावल) और कार्बन से संबंधित अधिक संवेदनशील मुद्दे अभी लम्बित हैं ।
🎙️ आधिकारिक टिप्पणियाँ
- पीयूष गोयल (वाणिज्य व उद्योग मंत्री) ने ब्रसेल्स में EU कमिश्नर मारोस शेफकोविक के साथ मुलाकात कर 2025 के अंत तक समझौता अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता को दोहराया ।
- मारोस शेफकोविक ने इसे “वाणिज्यिक रूप से सार्थक” समझौता बताते हुए EU की साझेदारी पर भरोसा जताया ।
- एस. जयशंकर (विपर विदेश मंत्री) ने कहा कि यह समझौता रक्षा, सुरक्षा, प्रतिभा गतिशीलता, और शिक्षा के क्षेत्रों में भी साझेदारी को गहराएगा—और वर्ष अंत तक इसे संभव बताया ।
🌍 वैश्विक संदर्भ
- वैश्विक व्यापार में अमेरिकी टैरिफों के बीच, EU–India FTA को वैश्विक व्यापार सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है ।
- एफटीए पूर्ण होने पर, EU भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार बना रहेगा—2023–24 में द्विपक्षीय व्यापार $135 अरब (वस्तुओं + सेवाओं) को पार कर गया था ।
🔮 आगे की राह
- 12वां दौर बातचीत की संभावना जुलाई की शुरुआत में, दोनों पक्ष मुख्य शेष विषयों पर काम कर रहे हैं ।
- चुनौतियाँ: CBAM, कृषि उत्पादों पर टैरिफ, और सेवाओं जैसे जटिल क्षेत्रों पर सहमति आवश्यक है।
- समय सीमा: संयुक्त लक्ष्य है वर्ष 2025 के अंत तक समझौता पर हस्ताक्षर, इसके बाद संसदों से मंजूरी आवश्यक होगी ।
🔚 निष्कर्ष
12 मई से शुरू हुआ 11वां दौर भारत‑EU मुक्त व्यापार समझौता वार्ता में एक महत्वपूर्ण क़दम है। पहले पांच अध्यायों पर सहमति ने प्रक्रिया में गति लाई है, लेकिन संवेदनशील मुद्दे अभी बाकी हैं। यदि ये बातचीत 2025 तक सफलतापूर्वक समाप्त होती है, तो यह भारत की आर्थिक वृद्धि, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में प्रवेश, और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत कर सकती है।