बेंगलुरु में एआई इंजीनियर की आत्महत्या: दहेज उत्पीड़न के आरोपों की जांच तेज
बेंगलुरु:
बेंगलुरु में एक 34 वर्षीय एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। घटना के पीछे कथित तौर पर दहेज उत्पीड़न और पारिवारिक तनाव के आरोप सामने आ रहे हैं। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और मृतक की पत्नी समेत परिवार के अन्य सदस्यों पर गंभीर आरोपों की छानबीन हो रही है।
घटना का विवरण
अतुल सुभाष, जो एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे, का शव बुधवार की शाम उनके बेंगलुरु स्थित अपार्टमेंट में फांसी के फंदे से लटका मिला। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल पक्ष पर मानसिक उत्पीड़न और दहेज के लिए दबाव डालने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
पारिवारिक तनाव की बात सामने आई
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अतुल की शादी 3 साल पहले हुई थी। शुरुआती जांच में यह पता चला है कि शादी के बाद से ही परिवार में विवाद चल रहे थे। सुसाइड नोट में लिखा है कि उन्हें लगातार मानसिक तनाव और प्रताड़ना झेलनी पड़ रही थी। दहेज को लेकर विवाद ने स्थिति को और गंभीर बना दिया था।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने अतुल के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया:
“हमने मृतक के परिवार के बयान दर्ज कर लिए हैं और सुसाइड नोट की पुष्टि के आधार पर उनकी पत्नी और ससुराल पक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।”
मृतक के परिवार का आरोप
अतुल के माता-पिता और अन्य रिश्तेदारों का कहना है कि उनकी बहू अक्सर अतुल के साथ दुर्व्यवहार करती थी और बार-बार दहेज की मांग करती थी।
अतुल के पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“हमने अपने बेटे को खो दिया। वह बहुत मेहनती और ईमानदार था। दहेज के लालच ने उसे अंदर से तोड़ दिया। हम न्याय की मांग करते हैं।”
आईटी इंडस्ट्री में मानसिक तनाव की समस्या
यह घटना एक बार फिर आईटी सेक्टर में बढ़ते मानसिक तनाव और पारिवारिक मुद्दों की ओर इशारा करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि काम का दबाव और घरेलू तनाव अक्सर लोगों को डिप्रेशन की ओर धकेलते हैं। इस घटना ने लोगों के बीच मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता की जरूरत पर जोर दिया है।
क्या कहते हैं कानून विशेषज्ञ?
दहेज उत्पीड़न के मामलों में दोषियों को कड़ी सजा का प्रावधान है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे मामलों की जांच में साक्ष्यों की अहम भूमिका होती है। पुलिस का कहना है कि सभी पक्षों से पूछताछ के बाद ही अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा।
समाज का रुख और अपील
इस घटना के बाद समाज के कई वर्गों ने दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई है। लोगों का कहना है कि कानून होने के बावजूद दहेज उत्पीड़न के मामले सामने आना बेहद चिंताजनक है।
अतुल सुभाष की आत्महत्या न केवल परिवारों के बीच तनाव की भयावहता को दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि समाज में अभी भी दहेज जैसी कुप्रथाएं मौजूद हैं। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है, और अतुल के परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया गया है।