बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले: असम में कांग्रेस नेताओं ने किया प्रदर्शन
हाल ही में बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हुए हमलों ने भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है। इन हमलों के विरोध में असम में कांग्रेस नेताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया और बांग्लादेश सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की।
घटनाओं की पृष्ठभूमि
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के मंदिरों, घरों और व्यवसायों पर हमले की घटनाएं सामने आई हैं। इन हमलों में कई हिंदू परिवार बेघर हुए हैं और उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है। ये घटनाएं देश में धार्मिक सहिष्णुता पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
असम में कांग्रेस का प्रदर्शन
असम के प्रमुख शहरों में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण रैलियां आयोजित कीं। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस नेताओं ने कहा, “धर्म के आधार पर किसी भी समुदाय को निशाना बनाना मानवता के खिलाफ है। बांग्लादेश सरकार को इस मुद्दे पर त्वरित और सख्त कदम उठाने चाहिए।”
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
बांग्लादेश में हुए इन हमलों की निंदा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी की जा रही है। मानवाधिकार संगठनों और विभिन्न देशों ने इन घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है और बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
भारत सरकार का रुख
भारत सरकार ने भी बांग्लादेश सरकार के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है। विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है और इस समस्या के समाधान के लिए प्रयास करने की अपील की है।
बांग्लादेश सरकार का बयान
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि उनकी सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
निष्कर्ष
धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले न केवल एक देश की आंतरिक समस्या हैं, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में शांति और सद्भाव के लिए खतरा हैं। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हुई इन घटनाओं पर त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है। असम में कांग्रेस के इस प्रदर्शन ने इस गंभीर मुद्दे पर आवाज उठाने में एक अहम भूमिका निभाई है।