हिमाचल प्रदेश में हिमस्खलन की चेतावनी: पर्यटकों से सावधानी बरतने की अपील
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बर्फबारी के कारण राज्य के कुछ इलाकों में हिमस्खलन (एवलॉन्च) का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग और प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए स्थानीय लोगों और पर्यटकों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।
हिमस्खलन संभावित क्षेत्र
चेतावनी के अनुसार, लाहौल-स्पीति, कुल्लू, और किन्नौर जिलों में हिमस्खलन का खतरा सबसे अधिक है। इन क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के कारण पहाड़ों पर बर्फ की मोटी परतें जमा हो गई हैं, जो तापमान में बदलाव के साथ खिसक सकती हैं।
पर्यटकों के लिए दिशानिर्देश
प्रशासन ने पर्यटकों को निम्नलिखित सुझाव दिए हैं:
- हिमस्खलन संभावित इलाकों से दूर रहें।
- केवल स्थानीय गाइड और प्रशासन की अनुमति के साथ ही यात्रा करें।
- खराब मौसम के दौरान पहाड़ी इलाकों में वाहन चलाने से बचें।
- प्रशासन द्वारा दिए गए आपातकालीन संपर्क नंबरों को साथ रखें।
प्रशासन का प्रयास
राज्य सरकार ने संभावित खतरे वाले क्षेत्रों में रेस्क्यू टीमों को तैनात कर दिया है। बर्फ हटाने के लिए सड़कों पर विशेष मशीनरी लगाई गई है। साथ ही, हेलिकॉप्टर सेवाओं को भी तैयार रखा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में राहत कार्य तेज़ी से किया जा सके।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक भारी बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है। विभाग ने चेताया है कि तापमान में अचानक गिरावट हिमस्खलन की संभावना को और अधिक बढ़ा सकती है।
स्थानीय लोगों की परेशानी
हिमस्खलन के खतरे के चलते स्थानीय लोग भी चिंतित हैं। बर्फबारी के कारण कई इलाकों का संपर्क शेष राज्य से कट गया है। बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है, जिससे दैनिक जीवन प्रभावित हुआ है।
सुरक्षा सर्वोपरि
राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा, “प्राकृतिक आपदाओं को रोकना हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन हम लोगों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। स्थानीय लोगों और पर्यटकों से अनुरोध है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।”
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश में हिमस्खलन की चेतावनी को देखते हुए सभी को सतर्क और संयमित रहने की जरूरत है। प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के साथ-साथ पर्यटकों को अपनी और दूसरों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। प्रशासन की सलाह का पालन करके किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सकता है।