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CBSE परीक्षा में बड़ा बदलाव: अगले साल से 10वीं-12वीं के लिए नए पैटर्न में ऑब्जेक्टिव प्रश्नों का जोर


सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के लिए अगले साल से परीक्षा पैटर्न में बदलाव की घोषणा की है। नए पैटर्न में छात्रों की कॉन्सेप्चुअल समझ और विश्लेषणात्मक क्षमताओं को परखने के लिए ऑब्जेक्टिव और एप्लिकेशन-आधारित प्रश्नों पर अधिक जोर दिया जाएगा।

बदलाव के मुख्य बिंदु:

  1. ऑब्जेक्टिव प्रश्नों का बढ़ा हिस्सा:
    • परीक्षा में मल्टीपल चॉइस प्रश्न (MCQs) का प्रतिशत बढ़ाकर लगभग 50% किया जाएगा।
    • शेष प्रश्नों में विश्लेषणात्मक और स्थिति-आधारित प्रश्न शामिल होंगे।
  2. सब्जेक्टिव प्रश्नों में कटौती:
    • लंबे उत्तर वाले प्रश्नों की संख्या कम की जाएगी।
    • छात्रों को संक्षिप्त और स्पष्ट उत्तर देने की आदत विकसित करनी होगी।
  3. पैटर्न का उद्देश्य:
    • छात्रों की रटने की प्रवृत्ति को कम करना।
    • वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने के लिए उनकी सोच और विश्लेषणात्मक कौशल को बढ़ावा देना।

शिक्षकों और छात्रों की प्रतिक्रिया:

  • शिक्षक: शिक्षकों ने इस बदलाव का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह कदम छात्रों को गहरी समझ विकसित करने में मदद करेगा।
  • छात्र: कुछ छात्र इस बदलाव को चुनौतीपूर्ण मान रहे हैं, जबकि कई इसे सकारात्मक बदलाव के रूप में देख रहे हैं।

तैयारी के लिए सुझाव:

  • CBSE ने सैंपल पेपर और अध्ययन सामग्री अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराई है, ताकि छात्र नए पैटर्न को समझ सकें।
  • छात्रों को सलाह दी गई है कि वे पाठ्यक्रम को गहराई से पढ़ें और अवधारणाओं को स्पष्ट करें।

विशेषज्ञों की राय:

शिक्षाविदों का मानना है कि यह बदलाव वैश्विक शिक्षा मानकों के अनुरूप है। यह छात्रों को केवल अच्छे अंक प्राप्त करने के बजाय कौशल और ज्ञान को विकसित करने में मदद करेगा।

निष्कर्ष:

CBSE का यह कदम भारतीय शिक्षा प्रणाली को अधिक प्रगतिशील और व्यावहारिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह बदलाव न केवल छात्रों को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगा, बल्कि उन्हें वास्तविक जीवन की चुनौतियों के लिए भी तैयार करेगा।