छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर बड़ा कदम, 11 सदस्यीय SIT का गठन
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में राज्य सरकार ने 11 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। यह कदम मामले की गंभीरता और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर उठाए गए दबाव के बाद आया है।
क्या है मामला?
महासमुंद जिले के बसना इलाके में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की कुछ दिन पहले संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। शुरुआत में इसे आत्महत्या का मामला बताया जा रहा था, लेकिन परिजनों और साथी पत्रकारों ने इसे हत्या करार दिया।
परिजनों का आरोप है कि मुकेश चंद्राकर को उनकी रिपोर्टिंग के चलते कुछ प्रभावशाली लोगों ने निशाना बनाया। इस मामले ने प्रदेशभर में पत्रकारों और आम नागरिकों के बीच रोष पैदा कर दिया है।
SIT का गठन
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामले की निष्पक्ष और गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए विशेष जांच दल (SIT) के गठन का आदेश दिया। इस 11 सदस्यीय टीम का नेतृत्व एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी करेंगे। टीम में साइबर विशेषज्ञ, फॉरेंसिक एक्सपर्ट और क्राइम ब्रांच के अधिकारी भी शामिल किए गए हैं।
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा, “यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस मामले में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। SIT पूरी तरह से स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करेगी।”
परिजनों और पत्रकार संघों की मांग
मुकेश चंद्राकर के परिवार ने मामले में CBI जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, वे शांत नहीं बैठेंगे। वहीं, पत्रकार संघों ने भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
प्रदेश के विभिन्न पत्रकार संगठनों ने सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की अपील की है।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं। उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इस मामले में कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा। SIT मामले की गहन जांच करेगी और जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक विशेष सुरक्षा योजना पर भी काम कर रही है। इसके तहत पत्रकारों को हर जिले में एक हेल्पलाइन नंबर और सुरक्षा कवच दिया जाएगा।
मामले की जांच में प्रगति
अब तक की जांच में पुलिस ने कुछ संदिग्धों से पूछताछ की है। पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में कुछ अहम सुराग मिले हैं, लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकेगा।
फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से कई साक्ष्य एकत्र किए हैं। SIT की टीम इन साक्ष्यों की जांच कर रही है ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके।
पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
इस घटना ने छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रदेश में पिछले कुछ सालों में पत्रकारों पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसे में राज्य सरकार पर पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने का दबाव बढ़ रहा है।
पत्रकार संघों ने मांग की है कि राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
निष्कर्ष
मुकेश चंद्राकर की हत्या का मामला छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर से चर्चा में ले आया है। राज्य सरकार ने SIT का गठन कर मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। अब देखना यह होगा कि जांच में क्या खुलासे होते हैं और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है।
सरकार का यह कदम राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। सभी की नजरें अब SIT की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।