बिहार: समाज की बंदिशों के बीच दो लड़कियों ने जताया प्रेम, शादी पर अड़ीं
अमरोहा, बिहार:
बिहार के अमरोहा जिले में दो लड़कियों द्वारा अपने प्रेम का इज़हार करने और शादी की इच्छा जताने का मामला सामने आया है। यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। समाज की परंपरागत सोच और बंदिशों को चुनौती देते हुए दोनों युवतियां अपने रिश्ते को स्वीकारने और साथ रहने की जिद पर अड़ी हुई हैं।
घटना का विवरण
मामला तब सामने आया जब दोनों युवतियों ने अपने-अपने परिवारों के सामने स्पष्ट किया कि वे एक-दूसरे से प्रेम करती हैं और शादी करना चाहती हैं। हालांकि, इस फैसले पर उनके परिवारों ने नाराजगी जताई और सामाजिक दबाव के चलते रिश्ते को अस्वीकार कर दिया।
परिवार का विरोध और समाज का दबाव
जैसे ही यह खबर गांव में फैली, समाज के कुछ लोग इसका विरोध करने लगे। परिवारों पर रिश्ते को तोड़ने और लड़कियों को “सामान्य” जीवन जीने के लिए मजबूर करने का दबाव बनाया गया।
एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा:
“यह हमारे समाज के नियमों के खिलाफ है। हमने कभी ऐसा नहीं सुना। परिवारों को उन्हें समझाना चाहिए।”
लड़कियों की दृढ़ता
वहीं, दोनों लड़कियों ने कहा कि उनका रिश्ता प्यार पर आधारित है और वे अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीना चाहती हैं। उन्होंने समाज और परिवार से अपील की है कि उनके फैसले को समझा जाए और उन्हें साथ रहने की अनुमति दी जाए।
उनमें से एक लड़की ने कहा:
“हमारा प्यार सच्चा है। हम एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते। हमें अपने भविष्य का निर्णय लेने का अधिकार है।”
कानूनी पक्ष
भारतीय संविधान के तहत किसी भी व्यक्ति को अपनी पसंद के साथी के साथ रहने और जीवन जीने की स्वतंत्रता है। हालांकि, समलैंगिक विवाह को अभी तक कानूनी मान्यता नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है, लेकिन समाज में इसे अभी भी व्यापक स्वीकृति नहीं मिली है।
मानवाधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया
इस मामले पर मानवाधिकार संगठनों ने समर्थन जताया है। उनका कहना है कि प्रेम का अधिकार सभी को है और यह किसी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है।
समाज में बदलाव की जरूरत
इस घटना ने समाज में पारंपरिक सोच और बदलाव की आवश्यकता पर एक बार फिर से बहस छेड़ दी है। आज के समय में युवा पीढ़ी अपनी पसंद और अधिकारों को लेकर अधिक जागरूक है।
प्रशासन की भूमिका
स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए दोनों परिवारों को शांत रहने की सलाह दी है। साथ ही, यह भी कहा गया है कि किसी के अधिकारों का हनन नहीं होने दिया जाएगा।
समाज की प्रतिक्रिया
गांव के कुछ प्रगतिशील लोग इस रिश्ते को स्वीकारने की बात कर रहे हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा:
“समय बदल रहा है। हमें युवाओं की भावनाओं को समझना चाहिए और उन्हें अपनी जिंदगी जीने का हक देना चाहिए।”
आगे की राह
दोनों लड़कियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अपनी जिंदगी एक-दूसरे के साथ बिताना चाहती हैं। अब देखना यह होगा कि परिवार और समाज उनके इस फैसले को कब और कैसे स्वीकार करते हैं।
यह मामला समाज के उन लोगों को सोचने पर मजबूर करता है जो आज भी पुराने ख्यालों में बंधे हुए हैं। यह वक्त है कि हम प्रेम और स्वतंत्रता का सम्मान करना सीखें, चाहे वह किसी भी रूप में क्यों न हो।