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बॉक्सिंग डे टेस्ट: विराट कोहली और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी के बीच तीखी नोकझोंक


मेलबर्न: बॉक्सिंग डे टेस्ट का पहला दिन न केवल खेल के रोमांच बल्कि मैदान पर हुई तीखी नोकझोंक के लिए भी चर्चा का विषय बन गया। भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी सैम कोंस्टास के बीच हुई बहस ने क्रिकेट प्रशंसकों का ध्यान खींचा।

घटना का विवरण

यह घटना तब हुई जब भारत बल्लेबाजी कर रहा था और विराट कोहली क्रीज पर मौजूद थे। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज सैम कोंस्टास ने एक बाउंसर डाली, जिसके बाद कोहली ने शॉट तो खेला, लेकिन रन लेने से इनकार कर दिया। गेंदबाज ने इसे लेकर कुछ तीखी टिप्पणी की, जिसका जवाब विराट ने तुरंत दिया। दोनों खिलाड़ियों के बीच कुछ शब्दों का आदान-प्रदान हुआ, जो धीरे-धीरे तकरार में बदल गया।

अंपायर और साथी खिलाड़ियों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ, लेकिन यह घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर तुरंत वायरल हो गई।

क्रिकेट में स्लेजिंग का इतिहास

क्रिकेट में स्लेजिंग या शब्दों के आदान-प्रदान का इतिहास नया नहीं है। खासकर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबलों में इसे अक्सर देखा गया है। यह खेल का हिस्सा माना जाता है, लेकिन जब यह सीमा पार कर जाती है, तो विवाद का रूप ले लेती है। विराट कोहली अपनी आक्रामकता और आत्मविश्वास के लिए जाने जाते हैं, और सैम कोंस्टास जैसे खिलाड़ी इस आक्रामकता को चुनौती देने में पीछे नहीं रहते।

खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया

मैच के बाद, जब विराट को इस घटना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे हल्के में लिया और कहा, “मैदान पर भावनाएं चरम पर होती हैं। यह खेल का हिस्सा है और हमें इसे खेल भावना के साथ लेना चाहिए।” सैम कोंस्टास ने भी इस मुद्दे को बड़ा न बनाते हुए कहा कि यह क्रिकेट में आम है और खेल के प्रति जुनून को दर्शाता है।

सोशल मीडिया पर चर्चा

यह घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का बड़ा विषय बन गई। प्रशंसकों ने इस पर अपने-अपने विचार साझा किए। कुछ ने इसे खेल भावना के खिलाफ बताया, जबकि अन्य ने इसे दोनों टीमों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा का उदाहरण माना।

क्रिकेट की खेल भावना

ऐसी घटनाएं खेल के प्रति खिलाड़ियों के जुनून और उनके आत्मविश्वास को दिखाती हैं, लेकिन खेल भावना बनाए रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। क्रिकेट हमेशा से “जेंटलमेन’स गेम” के रूप में जाना जाता है, और इस छवि को बनाए रखना सभी खिलाड़ियों की जिम्मेदारी है।

मैच पर असर

हालांकि, इस घटना का खेल पर कोई खास असर नहीं पड़ा। भारतीय टीम ने पहले दिन एक संतुलित प्रदर्शन किया और प्रशंसकों को उम्मीद है कि यह मुकाबला रोमांचक रहेगा।

यह घटना याद दिलाती है कि खेल न केवल शारीरिक कौशल बल्कि मानसिक दृढ़ता का भी परीक्षण है। मैदान पर हुई यह नोकझोंक खेल के प्रति खिलाड़ियों के समर्पण और उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता को दिखाती है।