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राजस्थान में ऊंट महोत्सव: देश-विदेश से जुटे पर्यटक, सांस्कृतिक धरोहर का रंगारंग उत्सव


राजस्थान के जैसलमेर में हर साल की तरह इस वर्ष भी ऊंट महोत्सव का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है, जो सांस्कृतिक समृद्धि और पारंपरिक रिवाजों का प्रतीक बन चुका है। इस महोत्सव में देश-विदेश से पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ी है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक जीवनशैली के अद्भुत अनुभव का हिस्सा बनने के लिए यहां पहुंच रहे हैं।

महोत्सव की प्रमुख आकर्षण

ऊंट महोत्सव में ऊंटों की रेस, नृत्य, संगीत, और स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस महोत्सव का मुख्य आकर्षण ऊंटों की प्रतियोगिता है, जिसमें ऊंटों को विभिन्न प्रकार के कौशल प्रदर्शित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। इसके अलावा, ऊंटों के साथ पारंपरिक झूमर नृत्य और लोक संगीत भी पर्यटकों का मन मोह लेता है।

देश-विदेश से पर्यटकों की भागीदारी

ऊंट महोत्सव में केवल भारतीय ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। इस बार विशेष रूप से यूरोप, अमेरिका और एशिया के विभिन्न देशों से सैकड़ों पर्यटक जैसलमेर पहुंचे हैं। एक विदेशी पर्यटक, ऐलेक्सेंडर ने कहा, “यह महोत्सव एक अद्भुत अनुभव है, जहां राजस्थान की संस्कृति और रंग-बिरंगे परिधान नजर आते हैं। ऊंटों के साथ होने वाली प्रतियोगिताएं तो शानदार हैं।”

स्थानीय कलाकारों का प्रदर्शन

महोत्सव के दौरान स्थानीय कलाकारों और कारीगरों द्वारा अपने पारंपरिक हस्तशिल्प, कला और संस्कृति का प्रदर्शन भी किया जाता है। पर्यटक इन कला रूपों को न केवल देख सकते हैं, बल्कि खरीद भी सकते हैं। यह महोत्सव जैसलमेर के स्थानीय व्यवसायों के लिए भी एक बड़ा अवसर साबित हो रहा है।

राज्य सरकार का सहयोग

राजस्थान सरकार ने इस महोत्सव के आयोजन में विशेष सहयोग किया है। सरकार का मानना है कि इस महोत्सव से न केवल पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को भी वैश्विक मंच पर पहचान मिलेगी।

समारोह के दौरान सुरक्षा व्यवस्था

पर्यटकों की भारी संख्या को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। राज्य पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि महोत्सव के दौरान सभी पर्यटकों को सुरक्षित वातावरण मिले।

निष्कर्ष

राजस्थान का ऊंट महोत्सव न केवल एक मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक विविधता और पारंपरिक जीवनशैली का भी प्रतीक है। महोत्सव के सफल आयोजन ने यह साबित कर दिया है कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर साझा करने की अपार संभावनाएं हैं।