छत्तीसगढ़: सुकमा में 22 नक्सलियों ने पुलिस-CRPF के सामने आत्मसमर्पण किया।
📅 घटनाक्रम
- दिनांक: 18 अप्रैल 2025
- स्थान: सुकमा जिला, छत्तीसगढ़
मुख्य विवरण:
पुलिस और CRPF के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने कुल 22 नक्सलियों ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया, जिनके खिलाफ संयुक्त रूप से लगभग ₹40.5 लाख का इनाम घोषित था
इन आत्मसमर्पणकर्ताओं में पुरुष और महिला दोनों शामिल थे, जिनमें कई जिम्मेदार पदों पर थे, जैसे कि PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गेरिला आर्मी) कंपनी में उप-कमांडर समेत कई ज्ञात कमांडर भी शामिल थे ।
🎯 आत्मसमर्पण के कारण
- नक्सली विचारधारा से इनकार:
अधिकांश आत्मसमर्पणकर्ताओं ने दावा किया कि उन्हें माओवादी विचारधारा “हिंसक” और “अमानवीय” लगती है और आदिवासी समुदायों के प्रति किए गए अन्याय से वे दुखी थे। - सरकारी विकास योजनाएँ और पुनर्वास नीति:
सुकमा जिले में क्रियाशील ‘नियाद नेल्लानर’ विकास योजना और बेहतर पुनर्वास नीति ने बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने इन पहलुओं को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरक बताय।
👥 आत्मसमर्पण के मुख्य व्यक्तिगत विवरण
- Muchaki Joga (33), PLGA कंपनी में उप‑कमांडर, पर ₹8 लाख का इनाम था। उनकी पत्नी Muchaki Jogi (28) भी उसी कंपनी की सदस्य थीं ।
- अन्य प्रमुख सदस्य:
- Kikid Deve (30) और Manoj alias Dudhi Budhra (28) – प्रत्येक पर ₹5 लाख का इनाम।
- सात अन्य पर ₹2 लाख का और एक पर ₹50 हज़ार का इनाम था।
🚔 आत्मसमर्पण प्रक्रिया और सुरक्षा बलों की भूमिका
- आत्मसमर्पण घटना CRPF DIG आनंद सिंह राजपुरोहित और सुकमा SP किरण चव्हाण की उपस्थिति में हुई ।
- इसमें CRPF, DRG, STF, RFT, और विशेष कोबरा बटालियन की संयुक्त मुहिम प्रभावशाली रही।
💰 राहत और पुनर्वास
- प्रारंभिक सहायता के रूप में प्रत्येक आत्मसमर्पणकर्ता को ₹50,000 की राशि दी गई।
- साथ ही हथियारों की वापसी पर नकद प्रोत्साहन—जैसे AK-47 के लिए ₹4 लाख तक के इनाम कार्यक्रम के तहत अतिरिक्त राशि दी जाएगी।
🌐 व्यापक प्रभाव
- बस्तर क्षेत्र में यह घटना नक्सल विरोधी रणनीतियों की ठोस सफलता को दर्शाती है—जिसमें पिछले 1.5 वर्षों में 427 नक्सली ढेर, 425 निष्क्रिय, और 1,388 गिरफ्तार किए गए हैं ।
- आत्मसमर्पणों से संकेत मिलता है कि प्रमुख योजनाओं और सुरक्षा-प्रभावी कार्रवाई से नक्सली समर्थन ढल रहा है।
✍️ निष्कर्ष
सुकमा में 22 इनामी नक्सलियों का एक साथ आत्मसमर्पण—जिसमें जिम्मेदार पदों पर रहे कमांडर और महिलाएं शामिल थीं—यह दर्शाता है कि विकास योजनाएं, सशक्त पुनर्वास नीति, और सतत सुरक्षा अभियानों का सम्मिलित प्रभाव कर आत्मसमर्पण बढ़ा रहा है। यह घटना छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की अंतर्कथा बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है।
✅ यदि आप चाहते हैं, तो मैं निम्न पहलों पर और जानकारी दे सकता हूँ:
- आत्मसमर्पण के बाद पुनर्वास प्रक्रिया और समाज में समावेशन,
- हथियार इनाम योजना की मुहिम एवं उसका प्रभाव,
- सुकमा की सुरक्षा चुनौतियाँ और भविष्य की रणनीतियाँ,
- स्थानीय लोगों और प्रशासन की प्रतिक्रिया।