छत्तीसगढ़ सड़क हादसा: रायपुर-बालोदबाजार रोड पर दर्दनाक टक्कर में 13 की मौत, दर्जनों घायल
🔹 घटना का विवरण
12 मई की देर रात सारागांव के पास, रायपुर-बलौदा बाज़ार हाईवे पर एक ट्रक जहां गांव वालों को लेकर लौट रहा था, वहीं तेज रफ्तार एक ट्रेलर से सीधे टकरा गया। इस दर्दनाक हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई, जिनमें नौ महिलाएँ और चार बच्चे शामिल थे, जबकि लगभग 10–14 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे ।
🔹 पीड़ितों की पहचान और हालात
- ट्रक में करीब 50 लोग सवार थे, जो चटौद गांव के एक पारिवारिक आयोजन से लौट रहे थे ।
- मृतकों में 9 महिलाएं और 4 बच्चे शामिल थे; घायलों को तुरंत खरोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और बाद में डॉ. भिम राव अंबेडकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया ।
🔹 प्रारंभिक रिपोर्ट और जांच
रायपुर ASP किरण राठौर और SP लाल उम्मेद सिंह ने बताया कि ट्रेलर की तेज रफ्तार और ट्रक चालक की लापरवाही इस हादसे की प्रमुख वजह मानी जा रही है ।
रायपुर के कलेक्टर गौरव सिंह ने मौके पर पहुंचकर राहत प्रयासों की निगरानी की और पुलिस ने दुर्घटना का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है ।
🔹 प्रशासनिक प्रतिक्रिया
- घायलों के उपचार के लिए आवश्यक सुविधाओं का प्रबंधन किया गया।
- मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री दोनों ने दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त कर, मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा और घायलों के इलाज के लिए सहायता की घोषणा की ।
- डिप्टी सीएम अरुण साव ने ट्वीट कर कहा: “रायपुर के सारागांव के पास हुए भीषण सड़क हादसे में 13 लोगों के निधन का हृदय विदारक समाचार… जिला प्रशासन बचाव कार्य में जुटा है…” ।
🔹 सड़क सुरक्षा पर चिंताएं
घने अंधेरे और ट्रोल टोल से बचने के लिए मोड़ लिया गया रास्ता हादसे का एक संभावित कारण बताया जा रहा है, जिसने दुर्घटना की गंभीरता बढ़ाई ।
स्थानीय लोगों ने सड़क की खराब स्थिति और पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था की कमी पर सवाल उठाए हैं।
निष्कर्ष
यह हादसा छत्तीसगढ़ में सड़क सुरक्षा की मौजूदा चुनौतियों को उजागर करता है—विशेषकर तेज रफ्तार वाहनों, खराब प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षित मार्गों की कमी। प्रशासन को चाहिए कि:
- सड़क विस्तार और बेहतर iluminação सुनिश्चित करे,
- टोल टोल-से बचने के लिए वैकल्पिक सुरक्षित रास्तों की व्यवस्था करे,
- वाहन चालकों और यात्रियों में जागरूकता अभियान चलाए।