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जसप्रीत बुमराह पर विवादित टिप्पणी, कमेंटेटर ईशा गुहा ने माफी मांगी


नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर क्रिकेट कमेंटेटर ईशा गुहा को आलोचना का सामना करना पड़ा। बढ़ते विवाद के बाद ईशा गुहा ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी का उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था।

विवाद की शुरुआत

हाल ही में एक क्रिकेट मैच के दौरान कमेंट्री करते हुए ईशा गुहा ने जसप्रीत बुमराह को लेकर एक टिप्पणी की, जिसे सोशल मीडिया पर दर्शकों ने आपत्तिजनक माना। यह टिप्पणी तेजी से वायरल हुई और बुमराह के प्रशंसकों ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी।

ईशा गुहा का बयान

विवाद बढ़ने के बाद ईशा गुहा ने माफी जारी करते हुए कहा:
“मेरी टिप्पणी का मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। अगर इससे किसी को दुख हुआ है तो मैं तहे दिल से माफी मांगती हूं। मैं जसप्रीत बुमराह की प्रतिभा का हमेशा सम्मान करती हूं।”

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद सोशल मीडिया दो धड़ों में बंट गया। कुछ लोगों ने ईशा गुहा की माफी को स्वीकार करते हुए मामले को समाप्त करने की अपील की, जबकि कुछ ने इसे क्रिकेटर के प्रति असंवेदनशील करार दिया।

  • एक प्रशंसक ने लिखा: “बुमराह जैसे खिलाड़ी का सम्मान होना चाहिए। कमेंटेटर को जिम्मेदारी से बोलना चाहिए।”
  • वहीं कुछ अन्य लोगों ने इसे अनजाने में हुई गलती मानते हुए कहा कि माफी के बाद विवाद को समाप्त कर देना चाहिए।

जसप्रीत बुमराह की चुप्पी

जसप्रीत बुमराह ने अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वे अपने आगामी मैचों की तैयारी में व्यस्त हैं। बुमराह भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे प्रमुख गेंदबाजों में से एक हैं और अपनी कड़ी मेहनत और प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं।

कमेंटेटरों के लिए बढ़ती जिम्मेदारी

यह घटना कमेंट्री के दौरान जिम्मेदारीपूर्ण भाषा के इस्तेमाल की ओर भी इशारा करती है। लाइव कमेंट्री के दौरान अनजाने में की गई टिप्पणियां अक्सर विवाद का कारण बन जाती हैं।

क्रिकेट बोर्ड की नजर

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि खेल के दौरान कमेंटेटरों को खिलाड़ियों का सम्मान बनाए रखना चाहिए और किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी से बचना चाहिए।


निष्कर्ष:
ईशा गुहा की माफी के बाद यह विवाद शांत होता दिख रहा है, लेकिन इसने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि खेल के दौरान खिलाड़ियों के प्रति सम्मानजनक भाषा और व्यवहार कितना आवश्यक है। उम्मीद है कि इस घटना से सभी कमेंटेटर भविष्य में अधिक सतर्कता बरतेंगे।