अमेरिका में भारतीय छात्रों के वर्क परमिट पर संकट, OPT प्रोग्राम पर उठे सवाल
एच1-बी वीजा के बाद अब अमेरिका के ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) प्रोग्राम को लेकर नए विवाद खड़े हो गए हैं। अमेरिकी प्रशासन की ओर से इस प्रोग्राम की समीक्षा की जा रही है, जिससे भारतीय छात्रों की चिंताएं बढ़ गई हैं। यह प्रोग्राम उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों को काम करने की अनुमति देता है, जिन्होंने अमेरिका के विश्वविद्यालयों से पढ़ाई पूरी की है।
क्या है OPT प्रोग्राम?
ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) एक ऐसा प्रोग्राम है जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमेरिका में पढ़ाई पूरी करने के बाद 1 से 3 साल तक काम करने की अनुमति देता है। यह प्रोग्राम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के छात्रों के लिए बेहद लोकप्रिय है।
OPT के जरिए हजारों भारतीय छात्र अमेरिका में आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के साथ-साथ कार्य अनुभव भी हासिल करते हैं।
सवाल क्यों उठे हैं?
हाल ही में कुछ अमेरिकी संगठनों ने OPT प्रोग्राम के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कई कंपनियां इस प्रोग्राम का सस्ते श्रम के लिए इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे स्थानीय अमेरिकी नागरिकों को रोजगार के अवसर कम मिल रहे हैं।
अमेरिकी प्रशासन ने इन आरोपों की जांच शुरू कर दी है, जिससे इस प्रोग्राम के भविष्य पर अनिश्चितता छा गई है।
भारतीय छात्रों पर असर
अगर OPT प्रोग्राम में कोई बदलाव होता है या इसे बंद कर दिया जाता है, तो इसका सीधा असर भारतीय छात्रों पर पड़ेगा। भारत से हर साल हजारों छात्र STEM कोर्स करने के लिए अमेरिका जाते हैं। इनमें से अधिकांश छात्र OPT के जरिए काम का अनुभव हासिल कर अपनी ग्रीन कार्ड या एच1-बी वीजा की प्रक्रिया शुरू करते हैं।
अगर यह प्रोग्राम बंद होता है तो छात्रों को अमेरिका में वैध रूप से काम करने में कठिनाई होगी और उन्हें जल्दी से देश छोड़ना पड़ सकता है।
अमेरिकी अदालत में मामला
इस प्रोग्राम के खिलाफ एक मामला अमेरिकी अदालत में चल रहा है। कुछ अमेरिकी संगठनों ने इसे अवैध करार देते हुए कहा कि यह प्रोग्राम अमेरिकी मजदूरों के अधिकारों का हनन करता है।
हालांकि, अमेरिकी सरकार ने अभी तक इस मामले में कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है।
भारतीय छात्रों की प्रतिक्रिया
इस विवाद के चलते अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों में चिंता का माहौल है। कई छात्रों ने कहा कि अगर OPT प्रोग्राम बंद होता है तो उनकी करियर योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
एक भारतीय छात्र आर्यन गुप्ता ने कहा:
“हमने OPT को ध्यान में रखते हुए अमेरिका में पढ़ाई के लिए लाखों रुपये खर्च किए हैं। अगर यह प्रोग्राम बंद होता है, तो हमारे भविष्य पर सवाल खड़ा हो जाएगा।”
विशेषज्ञों की राय
आप्रवासन विशेषज्ञों का मानना है कि OPT प्रोग्राम को बंद करना अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है।
इमिग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ सदस्य डेविड बियर का कहना है:
“OPT प्रोग्राम अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण टैलेंट पूल बनाता है। इसे बंद करने से अमेरिका को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में नुकसान होगा।”
OPT बनाम H1-B वीजा
भारतीय छात्रों के लिए OPT प्रोग्राम और H1-B वीजा दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।
- OPT प्रोग्राम छात्रों को पढ़ाई के बाद अमेरिका में सीमित समय के लिए काम करने की अनुमति देता है।
- H1-B वीजा के जरिए छात्रों को लंबे समय तक कंपनियों में काम करने का मौका मिलता है।
हालांकि, H1-B वीजा की सीमित संख्या और लॉटरी प्रक्रिया के कारण कई छात्रों को OPT पर निर्भर रहना पड़ता है।
भारत सरकार की चिंता
इस मामले में भारत सरकार ने भी चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह अमेरिकी प्रशासन के साथ संपर्क में है और भारतीय छात्रों के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगा।
अमेरिकी प्रशासन का पक्ष
अमेरिकी प्रशासन ने फिलहाल कहा है कि इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। सरकार का कहना है कि वह स्थानीय रोजगार और आव्रजन नीतियों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास कर रही है।
निष्कर्ष
OPT प्रोग्राम पर उठे सवालों ने अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है। यह प्रोग्राम अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जो उन्हें पढ़ाई के बाद अमेरिका में काम का अनुभव हासिल करने का मौका देता है।
अगर यह प्रोग्राम बंद होता है तो इसका असर अमेरिकी कंपनियों और भारतीय छात्रों दोनों पर पड़ेगा। आने वाले दिनों में इस पर अमेरिकी अदालत का फैसला भारतीय छात्रों के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।