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दौसा बोरवेल रेस्क्यू: बच्चे को 8 घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाला गया


दौसा, राजस्थान:
राजस्थान के दौसा जिले में गुरुवार को एक 6 वर्षीय बच्चे को बोरवेल में गिरने के बाद प्रशासन और राहत दलों के अथक प्रयास से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। यह घटना सुबह करीब 10 बजे की है जब खेलते-खेलते बच्चा अचानक बोरवेल में गिर गया। घटना के बाद से स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल), और चिकित्सा टीमों ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया।

कैसे हुआ हादसा?

दौसा के निकट एक गांव में खेत में खुदाई के दौरान छोड़ा गया 150 फीट गहरा बोरवेल हादसे की वजह बना। गांव के कुछ बच्चे वहां खेल रहे थे, तभी 6 वर्षीय बच्चा गलती से बोरवेल में गिर गया। घटना के तुरंत बाद इलाके में हड़कंप मच गया और ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचना दी।

8 घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन

सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन के साथ एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। बच्चे की लोकेशन का पता लगाने के लिए रोबोटिक कैमरा और ऑक्सीजन पाइप को बोरवेल में डाला गया। मशीनों की मदद से बोरवेल के समानांतर खुदाई की गई ताकि बच्चे तक सुरक्षित पहुंचा जा सके।

बचाव अभियान में:

  1. बोरवेल के समानांतर गड्ढा खोदा गया।
  2. ऑक्सीजन सप्लाई लगातार बच्चे तक पहुंचाई गई।
  3. रोबोटिक कैमरे की मदद से बच्चे की स्थिति पर नजर रखी गई।

डॉक्टरों की तत्परता

बच्चे को सुरक्षित निकालने के बाद मौके पर मौजूद मेडिकल टीम ने तुरंत उसकी प्राथमिक जांच की। डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चा घबराया हुआ जरूर था, लेकिन उसकी हालत स्थिर है। उसे अस्पताल में आगे की निगरानी के लिए ले जाया गया है।

ग्रामीणों और प्रशासन की सराहना

रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने में स्थानीय लोगों के साथ प्रशासन की तत्परता और एनडीआरएफ की कुशलता ने अहम भूमिका निभाई। ग्रामीणों ने राहत की सांस लेते हुए बचाव दल का धन्यवाद किया।

सावधानी की जरूरत

इस घटना के बाद विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि खुले बोरवेलों को ढकने के लिए सख्त नियमों का पालन करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके। प्रशासन ने भी सभी खेत मालिकों से अपने बोरवेल को सुरक्षित तरीके से बंद करने की अपील की है।

पूरे राज्य में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है और बच्चे की बहादुरी की लोग सराहना कर रहे हैं।