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कोटा कोचिंग इंडस्ट्री में गिरावट, छात्रों की संख्या घटी, स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर


कोटा (राजस्थान):
देशभर में कोचिंग हब के नाम से प्रसिद्ध कोटा शहर में कोचिंग संस्थानों में छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इसका असर न केवल शिक्षा उद्योग पर, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है।

गिरावट के मुख्य कारण

विशेषज्ञों के अनुसार, छात्रों की संख्या में गिरावट के पीछे कई अहम कारण हैं:

  1. ऑनलाइन शिक्षा का बढ़ता प्रभाव: महामारी के बाद ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म ने कोचिंग उद्योग के एक बड़े हिस्से को बदल दिया है।
  2. वित्तीय दबाव: कोटा में कोचिंग और रहने-खाने का खर्च बढ़ने के कारण कई छात्र विकल्प के तौर पर अन्य शहरों या ऑनलाइन शिक्षा को चुन रहे हैं।
  3. पारिवारिक दबाव और तनाव: छात्र आत्महत्या के बढ़ते मामलों और मानसिक तनाव के चलते माता-पिता को अब अन्य विकल्प सुरक्षित लग रहे हैं।
  4. छोटे शहरों में कोचिंग सुविधाएं: अब देश के कई छोटे शहरों में भी अच्छी गुणवत्ता वाले कोचिंग संस्थान खुल गए हैं, जिससे छात्रों को कोटा आने की जरूरत कम हो रही है।

स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर

कोटा की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कोचिंग इंडस्ट्री पर निर्भर करती है। छात्रों की संख्या में गिरावट का असर कई व्यवसायों पर पड़ रहा है, जैसे:

  • PG और हॉस्टल व्यवसाय: छात्रावास और किराए के मकानों में खाली कमरे बढ़ते जा रहे हैं।
  • खानपान और टिफिन सर्विस: टिफिन सेवाओं और छोटे रेस्टोरेंट की कमाई में गिरावट आई है।
  • स्टेशनरी और किताबों की बिक्री: छात्रों की कमी से इन दुकानों का व्यापार भी प्रभावित हुआ है।

संस्थान क्या कह रहे हैं?

कोचिंग संस्थानों का कहना है कि वे छात्रों को बेहतर सुविधाएं और मानसिक स्वास्थ्य समर्थन देने पर फोकस कर रहे हैं। एक कोचिंग संचालक ने कहा:
“हम नई तकनीकों को शामिल कर रहे हैं ताकि छात्रों को डिजिटल और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में गुणवत्ता शिक्षा मिले।”

छात्रों और अभिभावकों की राय

कुछ अभिभावकों का कहना है कि कोटा का माहौल अब बच्चों के लिए सुरक्षित और तनावमुक्त नहीं रहा। वहीं छात्र भी ऑनलाइन शिक्षा को ज्यादा सुविधाजनक और किफायती मान रहे हैं।

उद्योग को पुनर्जीवित करने की योजना

स्थानीय प्रशासन और कोचिंग संस्थान मिलकर छात्रों को वापस लाने के लिए नई योजनाएं बना रहे हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम: छात्रों के लिए काउंसलिंग और हेल्थ सपोर्ट की सुविधा।
  • शुल्क में रियायत: आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को फीस में छूट।
  • हाइब्रिड शिक्षा प्रणाली: ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा का बेहतर मिश्रण।

निष्कर्ष:
कोटा की कोचिंग इंडस्ट्री में आई गिरावट शहर की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही है। हालांकि, नई योजनाओं और तकनीकी बदलावों के सहारे कोटा इस चुनौती से उबरने की कोशिश कर रहा है। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि क्या कोटा एक बार फिर छात्रों का पसंदीदा कोचिंग हब बन पाता है या नहीं।