दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: आखिरी दिन उम्मीदवारों की रेस
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए नामांकन प्रक्रिया 17 जनवरी को समाप्त हो गई। विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नामांकन पत्र दाखिल कर दिए हैं, जिससे दिल्ली की सियासी हवा गरमा गई है। आगामी चुनाव 8 फरवरी को होने हैं, जबकि मतगणना 11 फरवरी को होगी। राजधानी में 70 विधानसभा सीटों के लिए मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP), और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है।
प्रमुख उम्मीदवारों का नामांकन
इस चुनाव में कई हाई प्रोफाइल उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) की तरफ से आतिशी मार्लेना को कालकाजी सीट से मैदान में उतारा गया है। आतिशी शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान और महिलाओं के मुद्दों पर मुखर होने के लिए जानी जाती हैं।
दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रमेश बिधूड़ी को उम्मीदवार बनाया है, जो अपने राजनीतिक अनुभव और मजबूत संगठनात्मक क्षमताओं के लिए प्रसिद्ध हैं।
कांग्रेस ने अपने पुराने चेहरों के साथ दांव खेला है और युवा चेहरों को भी मौका दिया है। पार्टी ने कालकाजी सीट से युवा नेता रोहित चौधरी को मैदान में उतारा है।
हाई प्रोफाइल सीटें और सियासी दांव-पेंच
नई दिल्ली, कालकाजी, पटपड़गंज, और जंगपुरा जैसी सीटें हाई प्रोफाइल मानी जा रही हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर नई दिल्ली सीट से मैदान में हैं। उनके खिलाफ बीजेपी ने एक नए चेहरे को उतारने की संभावना जताई है।
पटपड़गंज सीट पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का मुकाबला बीजेपी के मजबूत उम्मीदवार से होने की संभावना है। इस सीट को शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण जंग के रूप में देखा जा रहा है।
नामांकन प्रक्रिया का समापन
नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होते ही अब चुनाव आयोग द्वारा सभी उम्मीदवारों की जांच की जाएगी। यह प्रक्रिया 18 जनवरी तक चलेगी, और 20 जनवरी तक नाम वापस लेने की अंतिम तिथि है। इसके बाद राजनीतिक दल अपने चुनाव प्रचार को और तेज कर देंगे।
मुख्य मुद्दे और चुनावी रुझान
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे। आम आदमी पार्टी अपने पिछले कार्यकाल में किए गए कार्यों को आधार बनाकर चुनावी मैदान में है, जबकि बीजेपी ने विकास और सुरक्षा को अपना मुख्य एजेंडा बनाया है। कांग्रेस भी नए वादों और रणनीतियों के साथ इस बार अपनी खोई जमीन वापस पाने की कोशिश कर रही है।
मतदाताओं की भूमिका
दिल्ली के 1.5 करोड़ से अधिक मतदाता इस बार के चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे। युवा मतदाता, जो पहली बार अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे, चुनाव के परिणाम में निर्णायक साबित हो सकते हैं।
चुनावी गहमागहमी तेज
नामांकन प्रक्रिया के साथ ही चुनावी माहौल पूरी तरह से गर्म हो गया है। दिल्ली की सड़कों पर रैलियों, जनसभाओं, और नुक्कड़ सभाओं का दौर शुरू हो चुका है। सभी दल मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का यह संग्राम न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश की राजनीति पर असर डाल सकता है। 8 फरवरी को होने वाले मतदान के नतीजे यह तय करेंगे कि दिल्ली की सत्ता पर कौन काबिज होगा।